दुबई में दिखता है मिनी इंडिया, इंडिया में कब दिखेगी दुबई जैसी संपन्नता ?

By डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Nov 18, 2021

परसों शाम जब हम लोग दुबई पहुंचे तो हमने इस बार वह दुबई देखा, जो पहले कभी नहीं देखा। यह कोराना महामारी का कमाल था। यों तो मैं दर्जनों बार दुबई-अबू धाबी आ चुका हूं लेकिन कोरोना का प्रकोप दुबई जैसे राज्य का ऐसा नया रूप ढाल देगा, ऐसी उम्मीद नहीं थी। अब से लगभग 40 साल पहले मैं ईरान से भारत आते हुए कुछ घंटों के लिए दुबई में रुका था। जिस होटल में रुका था, उससे बाहर निकलते ही मुझे दौड़कर अंदर जाना पड़ा, क्योंकि भयंकर गर्मी और धूप थी। इसके अलावा उस होटल के आस-पास खुला रेगिस्तान था और थोड़ी दूर पर समुद्र लहरा रहा था। लेकिन अब अगर आज आप दुबई जाएं तो आपको ही समझ ही नहीं पड़ेगा कि आप लंदन में हैं या न्यूयार्क में हैं या शांघाई में हैं।

इसे भी पढ़ें: जयशंकर ने अबू धाबी के क्राउन प्रिंस से मुलाकात की, व्यापक रणनीतिक संबंधों पर वार्ता की

उन दिनों भी बाजार वगैरह तो यहां थे लेकिन आजकल तो यहां इतने बड़े-बड़े मॉल बन गए हैं कि उन्हें देखते-देखते आप थक जाएं। सड़कों के दोनों तरफ इतने ऊँचे-ऊँचे भवन बन गए हैं कि आप यदि उनके नीचे खड़े होकर उन्हें ऊपर तक देखें तो आपकी टोपी गिर जाए। आजकल तो दुबई के आस-पास जो रेगिस्तानी इलाके थे, उन्हें एकदम हरा-भरा कर दिया गया है और वहां स्वतंत्र प्लॉट काट दिए गए हैं। हमारे कई मित्रों ने वहां महलनुमा बंगले बना लिये हैं। जो लोग भारत से सिर्फ कपड़ों का सूटकेस लेकर आए थे, उन्होंने अपनी मेहनत और चतुराई से अब इतना पैसा कमा लिया है कि वे कपड़ों की जगह डिरहाम (रुपए) सूटकेसों में भरकर घूम सकते हैं।


यहां भारतीय व्यापारियों, उद्योगपतियों, अफसरों का बोलबाला तो है ही, हमारे बहुत-से कर्मचारी और मजदूर भी कार्यरत हैं। दुनिया के लगभग 200 देशों के लोग इस संयुक्त अरब अमीरात में काम करते हैं। इसमें सभी मजहबों, जातियों, रंगों और हैसियतों के लोग हैं लेकिन उनके बीच कभी हिंसा, दंगा, तनाव आदि की खबर नहीं आती। सभी लोग प्रेमपूर्वक जीवन जीते हैं। यहां की लगभग एक करोड़ की जनसंख्या में 30 लाख से भी ज्यादा भारतीय हैं। सात राज्यों से मिलकर बने इस संघ-राज्य में आप जहां भी जाएं, आपको भारतीय दिखते रहेंगे। भारत के पड़ोसी देशों के लोग भी यहां काफी संख्या में हैं। लेकिन उनके बीच भी कोई तनाव नहीं दिखाई देता।

इसे भी पढ़ें: दुबई एक्सपो में राजस्थान प्रतिनिधिमंडल ने निवेशकों से की चर्चा

अबू धाबी इस संघ की राजधानी है लेकिन हमारे मुंबई की तरह दुबई ही व्यापार और शान-शौकत का केंद्र है। आजकल यहां चल रही विश्व-प्रदर्शनी को देखने के लिए बाहर से काफी लोग आ रहे हैं लेकिन इस बार दुबई हवाई अड्डे सड़कों और बाज़ारों में पहले-जैसी भीड़ दिखाई नहीं पड़ती। फिर भी ऐसा लगता है कि दुबई भारत का ही उन्नत रूप है। इसे छोटा-मोटा भारत भी कह सकते हैं लेकिन भारत दुबई-जैसा बन जाए, इसके लिए भारत में तेल-जैसी कोई जादू की छड़ी मिलनी चाहिए लेकिन भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था है और यहां है- राजशाही या बादशाही!


-डॉ. वेदप्रताप वैदिक

प्रमुख खबरें

Uttar Pradesh के इटावा में महिला ने बच्चे के साथ ट्रेन के सामने छलांग लगाई, दोनों की मौत

April GST Collection डाटा आने के बाद दिखी शेयर बाजार में तेजी, Sensex 74,600 के पार, Nifty भी 50 अंक उछला

कुछ लोगों ने मुझे मेरी पार्टी में बेगाना बना दिया है: Anil Vij

Noida: डीपीएस स्कूल को धमकी भरा ईमेल भेजने के मामले में मुकदमा दर्ज