By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 31, 2017
बजट सत्र की शुरूआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में समग्र वार्ता होने की आज उम्मीद व्यक्त की। उन्होंने रेखांकित किया कि सरकार ने पिछले कुछ दिनों में यह सुनिश्चित करने के लिए सभी राजनीतिक दलों के साथ वार्ता की है कि सदन की कार्यवाही बाधित नहीं हो। मोदी ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा कि समाज के कल्याण के लिए समग्र वार्ता होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि समाज के कल्याण के लिए संसद में सभी दल साथ आएंगे।
उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार है जब केंद्रीय बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा। मोदी ने कहा कि पहले बजट शाम पांच बजे पेश किया जाता था और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे सुबह पेश करने की शुरूआत की थी। मोदी ने कहा, ‘‘आज, एक नई परंपरा शुरू होगी। पहली बात यह है कि बजट एक महीने पहले पेश किया जा रहा है और दूसरी बात यह है कि रेल बजट को भी इसमें शामिल किया जा रहा है। इस पर आगामी दिनों में इससे होने वाले फायदों पर भी चर्चा होगी।’’
शीतकालीन सत्र के नोटबंदी को लेकर विरोध प्रदर्शनों की भेंट चढ़ जाने के बाद मोदी ने सोमवार को यहां आयोजित सर्वदलीय बैठक में विपक्ष से बातचीत की थी। इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर सभी बड़ों दलों ने हिस्सा लिया। तृणमूल नोटबंदी और चिटफंड मामलों में उसके सांसदों की गिरफ्तारी को लेकर नाखुश है।
उन्होंने कहा कि सरकार नोटबंदी सहित हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है। इस बीच केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा ‘‘यह बजट एक नया बजट है क्योंकि इसमें आम बजट और रेल बजट को एक साथ मिला दिया गया है। सदस्यों के पास सरकार की नीतियों पर चर्चा करने का मौका होगा।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा ‘‘दूसरी बात यह है कि हमारे पास बजट प्रस्तावों की गहन जांच करने का मौका होगा क्योंकि हमारे पास समिति व्यवस्था है। तीसरी बात यह है कि हम सत्र में विभिन्न मुद्दों पर आम चर्चा कर सकते हैं।’’
नायडू ने कहा कि सरकार के पास छिपाने या चिंता करने के लिए कुछ भी नहीं है। ‘‘हमने विभिन्न वर्गों में कई दूरगामी सुधारों के लिए कदम उठाए हैं और हमें हाल ही में की गई नोटबंदी सहित ऐसे विभिन्न कदमों के बारे में चर्चा कर खुशी होती है।’’ मंत्री ने कहा, ‘‘हम उन अन्य संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा कर सकते हैं जो फिलहाल देश के समक्ष हैं। मुझे उम्मीद है कि यह सत्र सार्थक होगा और सभी दलों के सदस्य इस अवसर का उपयोग रचनात्मक बहस करने में करेंगे।’'