By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 04, 2016
वाशिंगटन। जब विश्व के नेता स्वच्छ ऊर्जा युक्त नवोन्मेष में तेजी लाने की वैश्विक पहल का नाम रखने पर चर्चा कर रहे थे, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए आकर्षक नाम ‘मिशन इनोवेशन’ सुझाया। अमेरिका के ऊर्जा मंत्री अर्नेस्ट मोनिज ने पिछले सप्ताह ‘अटलांटिक एंड द एस्पेन इंस्टिट्यूट’ द्वारा आयोजित ‘वाशिंगटन आइडियाज फोरम’ में एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुझाए नाम की बात की जाए, तो हां, यह बहुत दिलचस्प था। वैश्विक स्तर पर ऊर्जा अनुसंधान एवं विकास दोगुना करने के ‘मिशन इनोवेशन’ लक्ष्य पर चर्चा की गई।
उन्होंने कहा, ‘‘उस समय हमारे पास जो नाम था, उसे कैबिनेट में मौजूद तकनीकी लोग ही पसंद कर सकते थे। जब प्रधानमंत्री मोदी ने इसके बारे में सुना, तो उन्होंने कहा कि इसे ‘मिशन इनोवेशन’ नाम देते हैं और इस प्रकार इसका नामकरण हो गया।’’ ‘मिशन इनोवेशन’ के तहत भारत की वर्ष 2022 तक 175 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजना है जिसमें 100 गीगावाट सौर ऊर्जा, 60 गीगावाट पवन ऊर्जा, 10 गीगावाट बायोमास और पांच गीगावाट लघु पनबिजली ऊर्जा शामिल है।
‘मिशन इनोवेश’ के अन्य सदस्यों में आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चिली, चीन, डेनमार्क, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, नार्वे, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब, स्वीडन, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं।