मोदी ने पिछड़े जिलों के अधिकारियों से कहा, नवोन्मेषण से विकास करो

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 06, 2018

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने115 पिछड़े जिलों के प्रभारी अधिकारियों को संबोधित किया। मोदी ने अधिकारियों से कहा कि वे पहले आसानी से जल्द पूरा होने वाले कार्यों पर ध्यान केंद्रित करें और 14 अप्रैल को बी. आर. अम्बेडकर जयंती पर विकास के लिए अग्रणी नवोन्मेषी विचारों के साथ आएं। प्रधानमंत्री यहां डॉ अम्बेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में ‘आकांक्षी जिलों में बदलाव’ विषय पर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाएं लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने वाली होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘115 आकांक्षी जिलों के कलेक्टरों के पास विकास के मोर्चे पर आपूर्ति कर संतोष हासिल करने का अवसर है।’’ उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारियों को नीचे की ओर लटके फलों यानी आसानी से पूरे किए जाने वाले कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्हें नतीजे देने चाहिए और आशावाद तथा सकारात्मक माहौल बनाना चाहिए। मोदी ने कहा कि लोगों की मानसिकता में बदलाव के लिए सफलता की कहानी जरूरी है। मोदी ने कहा, ‘‘14 अप्रैल को हम डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर की जयंती मनाएंगे। हमें इन तीन महीनों को कम विकसित जिलों में अग्रणी नवोन्मेषण पर ध्यान केंद्रित करते हुए गरीबों के जीवनस्तर में सुधार लाना चाहिए।’’ 

 

तीन महीने में दिखाई देने वाले नतीजों के लिए समन्वित प्रयास पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि वह अप्रैल में ऐसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले किसी जिले में व्यक्तिगत रूप से जाना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि ये 115 जिले न्यू इंडिया के विकास का आधार बनेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों का पिछड़ा होना वहां रहने वाले लोगों के साथ अन्याय है। मोदी ने कहा कि इन 115 पिछड़े जिलों के विकास का प्रयास बाबा साहेब अम्बेडकर के विचार के अनुरूप है जिन्होंने समाज के पिछड़े लोगों के लिए काम किया। पिछड़े जिलों के विकास को जरूरी बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय असंतुलन को अनिश्चित समय तक बढ़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। 

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि कम विकसित जिलों में काम करना संभवत: आकर्षक नहीं होगा, लेकिन यह सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच होगा। रिकॉर्ड समय में लाखों जनधन खाते खोलने का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक बार भारत के लोग यदि कुछ करने का फैसला कर लेते हैं, तो कुछ भी असंभव नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रणाली और अधिकारियों ने दिखाया है कि गांवों का विद्युतीकरण रिकॉर्ड गति से किया जा सकता है। ऐतिहासिक रफ्तार से शहरों और गांवों में शौचालय बनाए जा सकते हैं। मोदी के 2022 तक न्यू इंडिया के विचार के तहत यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

 

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