By अनन्या मिश्रा | Sep 11, 2025
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत आज यानी की 11 सितंबर को अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं। मोहन भागवत करीब 16 वर्षों से अधिक समय से संघ के दार्शनिक और मार्गदशर्क के रूप में कार्य कर रहे हैं। मोहन भागवत ने करीब 50 साल पहले आरएसएस के प्रचारक के रूप में काम करना शुरू किया था। वहीं साल 2009 में मोहन भागवत संघ के सरसंघचालक बने। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में 11 सितंबर 1950 को मोहन भागवत का जन्म हुआ था। उनके पिता का नाम मधुकरराव भागवत था और वह भी एक प्रचारक थे। बता दें कि प्रचारक आरएसएस का पूर्णकालिक कार्यकर्ता होता है। वहीं मोहन भागवत आरएसएस के तीसरे सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सरसंघचालक हैं।
बता दें कि मोहन भागवत ने करीब पांच दशक पहले आरएसएस में प्रचारक के रूप में अपने जीवन की शुरूआत की थी। वहीं मार्च 2009 में मोहन भागवत संघ के सरसंघचालक के रूप में नियुक्त हुए थे। संघ प्रमुख बनने से पहले वह सरकार्यवाहक के रूप में कार्य कर रहे थे। इससे पहले वह संगठन में अखिल भारतीय शारीरिक प्रमुख की जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
क्षेत्र प्रचारक होने के नाते मोहन भागवत का बिहार और वर्तमान के झारखंड में प्रवास होता था। उस दौरान संघ कार्यालयों में कार की उपलब्धता नहीं होती थी। ऐसे में मोहन भागवत बस में बैठकर एक जिले से दूसरे जिले में प्रवास किया करते थे। उस समय बिहार के कई इलाकों में बस की संख्या कम रहने की वजह से बस में बहुत भीड़ होती थी। लेकिन ऐसी स्थिति में लोगों छत पर बैठकर सफर करना होता था।
इन लोगों में कभी-कभी मोहन भागवत भी शामिल रहते थे। वह पटना में स्वयं स्कूटर चलाकर प्रवास करते थे। वहीं मोहन भागवत बाइक पर कार्यकर्ताओं के पीछे बैठकर कहीं जाने में भी नहीं हिचहिचाते थे।
वहीं मोहन भागवत एक अच्छे गायक और वादक भी हैं। उन्होंने संघ में कई गीत लिखे हैं। उन्होंने घोष में भी रचना दी है और वह बांसुरी के अच्चे वादक हैं और वह कई भाषाओं के जानकार हैं। मोहन भागवत अंग्रेजी, हिंदी, मराठी, संस्कृत और बांग्ला अच्छे से बोलते हैं। संघ कार्य की दृष्टि से मोहन भागवत ने कई देशों की यात्रा की है और अभी इनका केंद्र नागपुर है।