दुनिया भर में मधुमक्खियों की हैं 20000 से भी अधिक प्रजातियां

By अमिता गोस्वामी | Jul 10, 2017

मधुमक्खियां कीट वर्ग की प्राणी हैं जिनके बारे में बहुत सी बातें हम जानते हैं। जैसा कि इनके नाम से ही पता चलता है, ये मधु यानि शहद बनाती हैं। मधुमक्खियां एक साथ मिलकर संघ के रूप में अपने बनाए छत्ते में रहती हैं जिसके अंदर ही इनका बनाया शहद इक्ट्ठा रहता है। इनका बनाया शहद बहुत ही सेहतमंद होता है। मधुमक्खियों के छत्ते से शहद तब ही निकाला जा सकता है जब ये छत्ते के अंदर न हों। इनके छत्ते के अंदर रहते हुए छत्ते को छेड़ना बहुत खतरनाक होता है। इनका हमला जान तक ले लेता है।

हजारों सालों से मधुमक्खियां हमारे आस-पास रह रही हैं। दुनिया भर में इनकी 20000 से भी अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं जिनमें से सिर्फ 4 प्रजातियां ही शहद बनाती हैं। ये मधुमक्खियां अपनी आवश्यकता से लगभग 40-50 किलो ज्यादा शहद पैदा करती हैं। इनकी एक और विशेषता आश्चर्य चकित कर देने वाली है वह है रास्तों को पहचानने की इनकी योग्यता। फूलों से परागणकण एकत्र करने के लिए मधुमक्खियां लंबी दूरी तक जाकर भी बिना रास्ता भटके रास्तों की पहचान करती वापस अपने छत्ते में आ जाती हैं। ये करीब 15 मील प्रति घंटे की उड़ान भरती हैं। इनका जीवनकाल 5 साल का होता है।

 

मधुमक्खियों की पांच आंखें होती हैं, दो बड़ी या संयुक्त आंखें तथा इनके बीच माथे के ऊपर त्रिकोणीय पैटर्न में बनी तीन सामान्य आंखें। इनकी बड़ी आंखें हजारों छोटे लेंसों से बनी होती हैं, हर लेंस किसी दृश्य का एक छोटा सा हिस्सा ही देख पाता है और सभी लेंस मिलकर पूरी तस्वीर देख लेते हैं। मधुमक्खियां हर दिशा में देख सकती हैं किन्तु अपनी आंखों में किसी भी चीज की एक स्पष्ट छवि नहीं बना पातीं। ये अल्ट्रावायलेट किरणों को देख सकती हैं, जिन्हें हम इंसान नहीं देख सकते।

 

हाल ही में मधुमक्खियों की देख पाने की क्षमता पर नई जानकारी सामने आई है। ऑस्ट्रेलिया में एडिलेड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने यूरोपिय शहद मधुमक्खियों की नजरों की जांच से पता लगाया है कि मधुमक्खियों की नजरें पिछले आकलनों से तकरीबन 30 फीसदी तेज होती हैं। एडिलेड विश्वविद्यालय की प्रमुख शोधकर्ता डॉक्टर एलिसा रिगोसी डिपार्टमेंट ऑफ बॉयोलॉजी, लुंड यूनिवर्सिटी, स्वीडन तथा उनकी टीम के मुताबिक मधुमक्खियां पिछले रिकार्डों की तुलना में बेहतर दृश्यता रखती हैं। वे इतनी बारीकी से देख सकती है जितना हमने सोचा भी नहीं था। ये संभावित शिकारी को देख पाने और उससे अपना बचाव कर पाने में पहले के आकलनों की तुलना में अधिक सक्षम हैं।

 

एडिलेड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का यह शोध ‘साइंटिफिक रिपोर्टस’ नामक नेचर जर्नल में प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ताओं का मानना है कि इस शोध से मधुमक्खियों के जीवन से जुड़े नए पहलुओं को जानने में मदद मिलेगी। यह शोध रोबोट्स की दृष्टि तेज करने की दिशा में भी प्रगति ला सकता है।

 

- अमिता गोस्वामी

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