By अभिनय आकाश | May 28, 2025
पाकिस्तान को एक बड़ा झटका लगा है। कश्मीर के मोर्चे पर पाकिस्तान के लिए ये बड़ी हार भी है। पाकिस्तान लगातार भारत के खिलाफ कश्मीर का प्रोपोगैंडा पूरी दुनिया में फैलाता जा रहा है। लेकिन जिस तरह से भारत ने पाकिस्तान की 6 से 10 मई के दरमियान दवाई की है। उसके बाद अब कई देश चुप्पी साधे बैठे हैं। हालांकि इनमें से कुछ भारत के दुश्मन और कुछ दोस्त भी हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भारत से पिटाई के बाद भागे भागे पहले तुर्की पहुंचे। तुर्की के बाद वो ईरान जाते हैं और फिर अजरबैजान पहुंचते हैं। तुर्की में वो भारत के लिए खिलाफ प्रोपोगैंडा करते हैं और एर्दोगन उसका समर्थन करते हैं। लेकिन जिस तरह कश्मीर के मामले को गर्मानी की कोशिश पाकिस्तान की तरफ से की जा रही थी वो ईरान पहुंचते पहुंचते ही ध्वस्त हो जाता है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जैसे ही कश्मीर के मामले को उठाते हैं तो फिर आतंक के मुद्दे पर ईरान के राष्ट्रपति पेजिस्कियान उन्हें घेर लेते हैें। पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ के सामने ही वो कहते हैं कि हमारा और आपका बॉर्डर पर जिस तरह का मतभेद है। जिस तरह से आतंकी गतिविधियां हो रही हैं। जो विवाद है उसे जल्द से जल्द निपटाना चाहिए और आतंकी गतिविधियों पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। ईरान ने कश्मीर पर कोई कमेंट नहीं किया। उसके बाद शहबाज शरीफ अजरबैजान पहुंचते हैं। अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव भारत विरोधी माने जाते हैं। भारत के खिलाफ लगातार वो बयान देते रहे हैं।
इल्हाम अलीयेव पाकिस्तान का समर्थन करते हैं और तुर्की के साथ खुद को खड़ा करते हैं। यानी पाकिस्तान, तुर्की और अजरबैजान तीनों ही मुस्लिम ब्रदरहुड के नाम पर एक दूसरे के साथ खड़े हैं। लेकिन पाकिस्तान की पिटाई के बाद अजरबैजान के राष्ट्रपति भी चुप्पी साधे बैठे हैं। कश्मीर पर कोई बयान नहीं देते हैं। अजरबैजान और पाकिस्तान के राष्ट्र प्रमुखों के बीच जब मीटिंग होती है तो इसमें कश्मीर का जिक्र कहीं नहीं आता है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने पारस्परिक रूप से लाभकारी क्षेत्रों में निवेश के माध्यम से रणनीतिक साझेदारी में विविधता लाने के लिए अपने देशों की साझा प्रतिबद्धता दोहराई। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। लाचिन में अपनी बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा की और पाकिस्तान एवं अजरबैजान के बीच बढ़ते राजनीतिक, आर्थिक, रक्षा और सांस्कृतिक सहयोग पर संतोष व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने दोहराया कि दोनों देश हर मौके पर एक-दूसरे के साथ खड़े रहे हैं और आगे भी ऐसा करते रहेंगे।
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