By अंकित सिंह | Apr 23, 2021
90 के दशक की सुपरहिट हिंदी फिल्मों के गाने आपको याद है ना, अगर नहीं याद है तो 10-15 गानों को आप एक बार फिर से याद करें। उन गानों में से ज्यादातर गाने वह होंगे जिनमें एक चीज समान रूप से होगी कि इन गानों का संगीत किसने तैयार किया है। ज्यादातर गानों में नदीम-श्रवण का नाम आता होगा। नदीम-श्रवण की जोड़ी 90 के दशक में हिंदी फिल्मों की सुपरहिट संगीतकार जोड़ियों में से एक थी। एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्मों के लिए इन्होंने म्यूजिक दिए है। लेकिन इनके लिए यह मायने नहीं रखता था कि इन्होंने सुपरहिट फिल्मों के लिए म्यूजिक दिए बल्कि इनके लिए यह मायने रखता था कि इनकी म्यूजिक की वजह से फिल्म सुपर हिट हो गईं। चाहे उन फिल्मों में बड़े स्टार कास्ट हो या नहीं हो। लेकिन संगीत सुरीला होता था और जिसकी वजह उसकी खूब लोकप्रियता होती थी।
फिल्म संगीत में आधिकारिक रूप से इनकी कैरियर भोजपुरी फिल्म दंगल से शुरू हुई थी। एक गाना आप खूब सुनते होंगे, 'काशी हिले पटना हिले'। यह गाना उस समय भोजपुरी में सुपरहिट हुई थी। इसके बाद इनकी जोड़ी ने अनमोल सितारे, अपराधी कौन, चीख, कातिल और आशिक, खूनी महल, इलाका, बाप नंबरी बेटा दस नंबरी जैसी फिल्मों का संगीत तैयार किया। लेकिन कामयाबी मिली फिल्म आशिकी से। गुलशन कुमार से मुलाकात महेश भट्ट द्वारा डायरेक्ट किया गया यह फिल्म रातों-रात अपनी संगीत की वजह से सुपर हिट हो गई। आशिकी ने ना सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री में नदीम श्रवण को स्थापित किया बल्कि उन्हें रातोंरात बुलंदियों पर पहुंचा दिया। इस फिल्म से नदीम श्रवण के साथ गीतकार समीर और पार्श्वगायक कुमार सानू और अनुराधा पौडवाल को भी उड़ान मिली। इसके बाद इन चारों ने एक से बढ़कर एक फिल्मों में साथ काम किया और सुपरहिट संगीत दिया। नदीम-श्रवण की जोड़ी की एक खास बात रही कि वह कुमार सानू, उदित नारायण, अभिजीत, अलका याग्निक, अनुराधा पौडवाल और कविता कृष्णमूर्ति जैसे गायकों को खूब गवाया और लोकप्रियता हासिल की।
नदीम-श्रवण के लिए आशिकी से जो सुपरहिट संगीत की श्रृंखला शुरू हुई वह 2005 तक जारी रही। करियर में उतार-चढ़ाव जरूर आए लेकिन संगीत पर असर नहीं पड़ा। संगीत प्रेमियों को लगातार अच्छे गाने मिलते रहे। आशिकी से शुरू हुई यह श्रृंखला दिल है कि मानता नहीं, साजन, साथी, फूल और कांटे, सड़क, दिल का क्या कसूर, सपने साजन के, जान तेरे नाम, दीवाना, संग्राम, बलमा, धरतीपुत्र, आदमी खिलौना है, दामिनी, हम हैं राही प्यार के, सैनिक, दिल तेरा आशिक, दिलवाले, सलामी, बरसात, राजा, साजन चले ससुराल, राजा हिंदुस्तानी, जीत, जुदाई, मोहब्बत, नसीब, परदेस, महाराजा, आ अब लौट चलें, सिर्फ तुम, धड़कन, कसूर, यह दिल आशिकाना, राज, तुमसे अच्छा कौन है, दिल है तुम्हारा, दिल का रिश्ता, अंदाज, कयामत, हंगामा, फुटपाथ, राजा भैया, तुमसा नहीं देखा, बेवफा और दोस्ती तक जारी रही। यह ऐसी फिल्मों के लिस्ट है जो अपने संगीत की वजह से सुपरहिट रही। नदीम-श्रवण की करियर की ज्यादातर फिल्मों में कोई स्टार कास्ट नहीं रहा। लेकिन उसके संगीत सुपर डुपर हिट हो गए। इनके द्वारा संगीतबद्ध किए गए एल्बम के कैसेट 90 के दौर में खूब बिकते रहे।
श्रवण राठौर का पूरा परिवार म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़ा हुआ है। श्रवण राठौर के पिता चतुर्भुज राठौर जाने-माने कलाकार थे जिन्होंने ध्रुपद संगीत में अच्छा खासा नाम कमाया। श्रवण के बड़े भाई रूप कुमार राठौर और छोटे भाई विनोद राठौर भी फिल्मी संगीत में अपना नाम कमा चुके हैं। दोनों ने बड़े-बड़े फिल्मों में सुपरहिट गाने गाए हैं। श्रवण राठौर के दो बेटे हैं संजीव राठौर और दर्शन राठौर हैं। संजीव और दर्शन के नाम से इनकी म्यूजिक जोड़ी है। मन, ग्रैंड मस्ती, तलाश जैसी सुपरहिट फिल्मों के लिए इन लोगों ने संगीत तैयार किया है। भले ही श्रवन राठौर हम सबके बीच नहीं रहे लेकिन उनके द्वारा तैयार किए गए संगीत हमेशा हमें उनकी याद दिलाती रहेंगी।