त्रिपुरा में मोदी मैजिक के सहारे वाममोर्चा को शिकस्त देने की तैयारी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 31, 2018

त्रिपुरा में सत्तारूढ़ माकपा को विधानसभा चुनाव में शिकस्त देने के लिए भाजपा ने ‘‘मोदी मैजिक’’ को आधार बनाया है, साथ ही लोगों को जोड़ने एवं अपना संदेश उन तक पहुंचाने के वास्ते ‘‘पन्ना प्रमुखों’’ को योजक कड़ी के रूप में उपयोग करने का निर्णय किया है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि त्रिपुरा में 18 फरवरी को आसन्न विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य का दो बार दौरा करेंगे और जनसभाओं को संबोधित करेंगे।

 

मोदी आठ फरवरी को राज्य में दो जनसभाओं को संबोधित करेंगे। इनमें से एक जनसभा उनाकोटि जिले के कैलाशहर में और दूसरी जनसभा दक्षिणी त्रिपुरा जिले के शांतिरबाजार में होगी। वह 15 फरवरी को एक बार फिर यहां आएंगे और एक जनसभा को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत लगभग आधा दर्जन केंद्रीय मंत्री चुनावी रैलियों के साथ-साथ रोड शो करेंगे। भाजपा के त्रिपुरा प्रदेश प्रभारी सुनील देवधर ने कहा कि पार्टी काफी समय से राज्य में जमीन तैयार करने में जुटी है। इसी का नतीजा है कि करीब 2 साल में डेढ़ लाख लोग दूसरे दलों से भाजपा में आए हैं पार्टी का पूरा जोर बूथ प्रबंधन पर है।

 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नेतृत्व जनता के सामने है और हमें उम्मीद है कि जनता हमें जनादेश देगी। उन्होंने कहा कि हम फर्जी वोटरों की शिनाख्त कर उसे बाहर करवाना, नए वोटरों को जोड़ना और बांग्लादेश से आए फर्जी वोटरों को बाहर करने के साथ ही प्रदेश सरकार के घोटाले और स्थानीय समस्याओं को मुद्दा बना रहे हैं। त्रिपुरा विधानसभा चुनाव को भाजपा कितना महत्व दे रही है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह राज्य में एक सप्ताह तक रहेंगे और उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करेंगे।

 

राज्य में माकपा को टक्कर देने का दायित्व भाजपा पन्ना प्रमुखों को सौंपा गया है। पार्टी ने 60 मतदाताओं पर एक कार्यकर्ता को नियुक्त किया है जिन्हें पन्ना प्रमुख कहा गया है। ये पन्ना प्रमुख लोगों को जोड़ने एवं अपना संदेश पहुंचाने के वास्ते योजक कड़ी के रूप में काम करेंगे। यह पूछे जाने पर कि भाजपा किन मुद्दों पर जोर दे रही है, देवधर ने कहा कि जो मुद्दे राज्य की जनता को प्रभावित करते हैं, उनमें 24 साल से सरकारी कर्मचारियों का वेतन नहीं बढऩे के अलावा 1993 से सरकारी अध्यापकों की भर्ती न होना और मनरेगा है, जिसमें घोटाला ही घोटाला है। वहीं बहुचर्चित चिटफंड मामला है, जिसमें जनता का लाखों रूपया फंसा है। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि त्रिपुरा में 25 वर्षो के वामपंथी शासन में राज में जनजातियों का सर्वाधिक शोषण हुआ है। अत्यंत गरीब लोगों तक प्रदेश की माकपा सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की जन कल्याण की योजनाएं नहीं पहुंचने दी। देवधर ने कहा कि आज विपक्ष में रहकर हम उनकी केवल आवाज उठा सकते हैं जबकि सत्ता में आने पर जब केंद्र और राज्य में एक ही दल की सरकार आयेगी तब प्रदेश के विकास की रफ्तार तेज हो जायेगी। उल्लेखनीय है कि राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 18 फरवरी को मतदान होगा और तीन मार्च को चुनाव परिणाम घोषित किये जायेंगे।

 

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