By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 24, 2022
ब्रसेल्स। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन में सैन्य हमले का आदेश दिए जाने के बाद नाटो ने यूक्रेन और रूस के पास स्थित अपने पूर्वी किनारे में अपनी जमीनी, समुद्री बलों और वायुसेना की तैनाती को मजबूत करने पर एक आपातकालीन बैठक में सहमति जतायी। नाटो के दूतों ने आपातकालीन वार्ता के बाद जारी एक बयान में कहा, ‘‘हम गठबंधन के पूर्वी हिस्से में अतिरिक्त रक्षात्मक जमीनी और वायुसेना, साथ ही अतिरिक्त समुद्री परिसंपत्ति तैनात कर रहे हैं।’’ बयान में कहा गया, ‘‘हमने सभी तरह की आकस्मिक स्थिति का जवाब देने के लिए अपने बलों की तैयारी बढ़ा दी है।’’
संघर्ष के निकटतम देशों - एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया और पोलैंड - ने नाटो की स्थापना संधि के अनुच्छेद 4 के तहत दुर्लभ परामर्श शुरू करने का अनुरोध किया। ऐसी वार्ता तब की जा सकती है जब (नाटो सदस्यों में से किसी की) ‘‘क्षेत्रीय अखंडता, राजनीतिक स्वतंत्रता या सुरक्षा खतरे में होती है।’’ दूतों ने कहा, ‘‘हमने अपनी रक्षात्मक योजना के अनुरूप सभी सहयोगियों की रक्षा के लिए गठबंधन में प्रतिरोधक क्षमता और रक्षा को और मजबूत करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने का फैसला किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे कदम एहतियाती, आनुपातिक और गैर-उकसावे वाले हैं।’’ नाटो के 30 सदस्य देशों में से कुछ यूक्रेन को हथियार, गोला-बारूद और अन्य उपकरणों की आपूर्ति कर रहे हैं, लेकिन नाटो एक संगठन के तौर पर ऐसा नहीं कर रहा।
नाटो यूक्रेन के समर्थन में कोई सैन्य कार्रवाई शुरू नहीं करेगा, जो उसका एक करीबी भागीदार है। हालांकि, एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘हमें यूक्रेन के लोगों को तत्काल हथियार, गोला-बारूद और किसी भी अन्य प्रकार की सैन्य सहायता मुहैया करानी होगी ताकि वह अपनी रक्षा कर सके, साथ ही उसे आर्थिक, वित्तीय और राजनीतिक सहायता और समर्थन करने और मानवीय सहायता मुहैया करानी होगी।’’ एस्टोनियाई प्रधानमंत्री काजा कल्लास ने ट्वीट किया, ‘‘रूस की आक्रामकता का सबसे प्रभावी जवाब एकता है। रूस की व्यापक आक्रामकता पूरी दुनिया और सभी नाटो देशों के लिए खतरा है।’’ कल्लास ने नाटो सहयोगियों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपायों का आह्वान किया। रूस द्वारा 2014 में यूक्रेन के क्रीमियन प्रायद्वीप पर कब्जा करने के बाद उत्तरपूर्वी यूरोप में अपनी सुरक्षा को मजबूत करना शुरू कर दिया था। इसके वहां लगभग 5,000 सैनिक और उपकरण तैनात हैं, लेकिन हाल के महीनों में उन बलों को कई देशों के सैनिकों और उपकरणों के साथ बढ़ाया गया है।