By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 08, 2019
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने एआरजीएल के लिये ब्रिटेन की कंपनी लिबर्टी हाउस की बोली वापस लेने को शुक्रवार को मंजूरी दे दी।एनसीएलएटी ने कर्ज में फंसी कंपनी के दिवाला शोधन पेशेवर की याचिका पर यह निर्णय लिया। न्यायमूर्ति एस.जे.मुखोपाध्याय की अध्यक्षता में दो सदस्यीय पीठ ने सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में चयन होने के बाद भी कंपनी दिवाला एवं ऋणशोधन प्रक्रिया पूरी नहीं करने के लिये लिबर्टी हाउस की खिंचाई भी की। पीठ ने कहा, ‘‘आप हर समय हारे हुए पक्ष रहे और पांच पीछे खींचते रहे। आपकी प्रतिष्ठा खराब हुई है।
इसे भी पढ़ें: बजाज ऑटो की बिक्री फरवरी में 10% बढ़ी, पिछले साल के मुकाबले 8% अधिक
हम आपको अपीलीय न्यायाधिकरण का फायदा उठाने नहीं देंगे।’’ एनसीएलएटी ने कहा कि इस आदेश का अन्य दिवाला शोधन प्रक्रिया में लिबर्टी हाउस की भागीदारी पर कोई असर नहीं डालेगा। एआरजीएल वाहनों के कल-पुर्जे बनाने वाली कंपनी एम्टेक ऑटो की अनुषंगी है और कर्ज संकट में फंसी हुई है।
इसे भी पढ़ें: IOC को दस शहरों में गैस की खुदरा बिक्री का लाइसेंस मिला
लिबर्टी हाउस ने एआरजीएल की दिवाला एवं ऋणशोधन प्रक्रिया में सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में चुने जाने के बाद भी आगे बढ़ने और बैंक गारंटी जमा करने से मना कर दिया था। दिवाला शोधन पेशेवर ने कंपनी की बोली रद्द करने की एनसीएलटी से अपील की थी। एनसीएलटी ने अपील स्वीकार करते हुए लिबर्टीहाउस पर जुर्माना लगाया था। लिबर्टी हाउस ने एनसीएलटी के फैसले को एनसीएलएटी में चुनौती दी थी।