पोडियम पर चीन और पाकिस्तान के खिलाड़ी होने पर ध्यान नहीं गया: नीरज

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 05, 2018

नयी दिल्ली। एशियाई खेलों की भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा के पदक वितरण समारोह में एक तरफ चीन का खिलाड़ी था तो दूसरी तरफ पाकिस्तान का लेकिन इस भारतीय खिलाड़ी ने कहा कि वह राष्ट्रगान की धुन में इतना खो गये थे कि इस ओर उनका ध्यान ही नहीं गया। चोपड़ा ने जकार्ता में हुए इन खेलों में 88–06 मीटर दूर भाला फेंक कर राष्ट्रीय रिकार्ड भी बनाया। इसमें चीन के लियू किझेन (82–22) को रजत और पाकिस्तान के अरशद नदीम (80–75) को कांस्य पदक मिला था। तीनों देशों के बीच अक्सर अस्थिर राजनयिक स्थिति के कारण इस पदक समारोह ने खूब चर्चा बटोरी। चोपड़ा का नदीम के साथ हाथ मिलाने वाला फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिस पर टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने भी ट्वीट करते हुए लिखा कि यह दिखाता है कि ‘‘खेल के जरिये आप अपने बच्चे को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा दे सकते हैं।’’ चोपड़ा ने कहा कि पदक समारोह में उनका पूरा ध्यान सिर्फ राष्ट्रीय गान पर था। चेक गणराज्य में प्रशिक्षण ले रहे चोपड़ा ने कहा, ‘‘मुझे पता नहीं चला कि मैं उनके साथ खड़ा हूं। राष्ट्रगान के साथ तिरंगे को ऊपर जाता देख मैं काफी भावुक हो गया था और इस स्तर पर पहुंचने के लिए की गई अपनी मेहनत और संघर्ष को याद कर रहा था।’’

 

राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक हासिल करने वाला यह खिलाड़ी एशियाई खेलों की भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल करने वाला देश का पहला खिलाड़ी है। उन्होंने कहा कि खेलों के जरिये नफरत फैलाने की जगह लोगों को करीब लाना चाहिए चाहिए। नदीम में बाद में दावा किया कि चोपड़ा उनके वाट्सऐप मैसेज का जवाब नहीं देते हैं। इस बारे में जब उन से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उसके द्वारा आमने-सामने मिलने की कोशिश के बारे में नहीं पता। अगर किसी ने मेरे पीठ पीछे कुछ कहा हो या पूछने की कोशिश की हो तो मुझे नहीं पता। अगर उसने मेरे फोन पर कोई मैसेज भेजा है तो मुझे नहीं पता। मैं बहुत ज्यादा मैसेज नहीं देखता।’’ चोपड़ से जब पूछा गया कि जकार्ता में 88–06 मीटर की दूरी से वह अपने 90 मीटर के लक्ष्य के करीब पहूंच गये है तो उन्होंने कहा कि उनके लिए स्वर्ण पदक ज्यादा मायने रखता है जिसमें राष्ट्रमंडल खेलों का भी स्वर्ण शामिल है। उन्होने ने कहा, ‘‘मैं दोनों में किसी एक को बेहतर नहीं चुन सकता, मेरे लिए दोनों महत्वपूर्ण है और मैं इससे खुश हूं। राष्ट्रमंडल खेलों में भी मैंने राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया था और यह मेरे जूनियर विश्व रिकार्ड से भी ज्यादा था। पहली बार मैंने किसी बहु-खेलों के टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता था। जकार्ता में 88 मीटर से दूर भाला फेंकने से भी मैं काफी खुश हूं।’’

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