भारत के लिए नेपाल ने पलट दिया पूरा नियम, नोट बैन पर सरकार का बड़ा फैसला

By अभिनय आकाश | Dec 16, 2025

कहते हैं जब पड़ोसी की ताकत बढ़ती है तो सबसे पहले सोच बदलती है और आज वही सोच बदलती दिख रही है नेपाल में। करीब एक दशक बाद नेपाल अब 100 से ज्यादा के भारतीय करेंसी नोटों पर लगा बैन हटाने की तैयारी कर रहा। 200 के नोट, 500 के नोट और बड़े मूल्य वर्ग के भारतीय नोट जल्द ही नेपाल में फिर से कानूनी तौर पर सर्कुलेशन में होंगे। यह फैसला छोटा नहीं है। यह फैसला सिर्फ करेंसी का नहीं है। यह फैसला सत्ता, सियासत और भारत की बढ़ती ताकत का संकेत है। साल 2016 भारत में नोटबंदी होती है। 500 और 1000 के नोट बंद होते हैं। इसके तुरंत बाद नेपाल ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर 100 के ऊपर के भारतीय नोटों पर बैन लगा दिया। कहा गया नकली करेंसी की तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा का खतरा है। लेकिन इस फैसले की कीमत सरकारों ने नहीं आम लोगों ने चुकाई। भारतीय पर्यटक नेपाल में होटल, टैक्सी, कसीनो और मंदिरों में पैसे चलाने को तरसते रहे।

इसे भी पढ़ें: जेन-जी आंदोलन के 3 माह बाद बाद ओली का शक्ति प्रदर्शन, आयोजित की विशाल रैली

इस संशोधन के तहत भारतीय, नेपाली और भूटानी नागरिकों को भारत आने-जाने के दौरान उच्च मूल्यवर्ग के भारतीय नोट ले जाने की अनुमति मिल गई है। नेपाल राष्ट्र बैंक (एनआरबी) के प्रवक्ता गुरु प्रसाद पौडेल के अनुसार, सरकार द्वारा इस निर्णय को नेपाल राजपत्र में प्रकाशित किए जाने के बाद, एनआरबी इस संबंध में एक परिपत्र जारी करेगा, जिससे भारत से नेपाल आने या नेपाल से भारत जाने वाले व्यक्तियों द्वारा उच्च मूल्यवर्ग के भारतीय नोटों का उपयोग वैध हो जाएगा। इससे दोनों देशों के पर्यटकों और व्यापारियों को एक-दूसरे के देश में यात्रा करने या व्यापार करने में सुविधा होगी।

इसे भी पढ़ें: Nepal के मनांग जिले में भूकंप के हल्के झटके महसूस किये गये

कई प्रवासी कामगार अपनी कमाई कम मूल्यवर्ग के नोटों में घर लाने के लिए मजबूर हैं, जिससे यात्रा के दौरान चोरी और जेबकतरों का खतरा बढ़ जाता है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अतीत में कई नेपाली नागरिकों को 500 और 1000 रुपये के नोट ले जाने के आरोप में जेल भी भेजा गया है। इन प्रतिबंधों से नेपाल के पर्यटन क्षेत्र को भी नुकसान पहुंचा है, खासकर कैसीनो और भारतीय पर्यटकों को सेवा देने वाले आतिथ्य सत्कार व्यवसायों को। उच्च मूल्यवर्ग के नोट ले जाने की सुविधा न होने के कारण भारतीय पर्यटक खुलकर खर्च नहीं कर सकते, जिससे सीमावर्ती शहरों में राजस्व में कमी आई है। पर्यटन उद्यमियों का कहना है कि कई भारतीयों को मुद्रा नियमों की जानकारी नहीं है, जिसके कारण बार-बार गिरफ्तारी और जुर्माना होता है।

इसे भी पढ़ें: Shaurya Path: भारत की सैन्य तैयारी ने विरोधियों को बैकफुट पर डाला, Russia, Israel, Nepal, Maldives, UK, Indonesia के साथ भारत के रक्षा संबंध और गहराये

नेपाल की पर्यटन अर्थव्यवस्था होती है। भारतीय यात्रियों पर जो कि टिकी हुई है। होटल, हॉस्पिटिटी, कसीनो, तीर्थ यात्रा सब कुछ और अब नेपाल समझ चुका है कि भारत से दूरी महंगी पड़ती है। अब ली के जाते ही भारत विरोधी रूप कमजोर हो गया है। व्यवहारिक नीति लौटी है और अर्थव्यवस्था को प्राथमिकता मिल गई है। भारतीय करेंसी पर बैन हटना इसी बदलाव का सबसे बड़ा संकेत है और वो कहते हैं ना पड़ोसी से लड़कर नहीं पड़ोसी के साथ चलकर देश आगे बढ़ता है। नेपाल ने देर से सही लेकिन यह बात समझ ली और भारत आज सिर्फ सीमाओं से नहीं अपनी अर्थव्यवस्था और करेंसी में भी नेतृत्व कर रहा है।

प्रमुख खबरें

प्रधानमंत्री का अगले पांच वर्ष में भारत-जॉर्डन व्यापार को दोगुना कर पांच अरब डॉलर करने का प्रस्ताव

सेबी के निदेशक मंडल की बैठक में म्यूचुअल फंड नियमों में बदलाव पर होगी चर्चा

BJP को शहरों में चुनाव जिताते रहे मतदाता गांवों की वोटर लिस्ट में जुड़वा रहे अपना नाम, Yogi की टेंशन बढ़ी

Delhi-Agra Expressway Accident | यमुना एक्सप्रेसवे पर कोहरे के कारण बड़ा हादसा, गाड़ियों की टक्कर में 13 लोगों की जिंदा जलकर मौत, PM ने मदद का ऐलान किया