परिवारों की शुद्ध बचत तीन साल में नौ लाख करोड़ रुपये घटीः सरकारी आंकड़ा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 07, 2024

नयी दिल्ली । देश में परिवारों की शुद्ध बचत तीन वर्षों में नौ लाख करोड़ रुपये से अधिक घटकर वित्त वर्ष 2022-23 में 14.16 लाख करोड़ रुपये रह गयी। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। मंत्रालय की तरफ से जारी ताजा राष्ट्रीय खाता सांख्यिकी-2024 के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 में परिवारों की शुद्ध बचत 23.29 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई थी लेकिन उसके बाद से इसमें लगातार गिरावट आ रही है। वित्त वर्ष 2021-22 में परिवारों की शुद्ध बचत घटकर 17.12 लाख करोड़ रुपये रह गई। यह वित्त वर्ष 2022-23 में और भी कम होकर 14.16 लाख करोड़ रुपये पर आ गई जो पिछले पांच वर्षों का सबसे निचला स्तर है। 


इससे पहले शुद्ध घरेलू बचत का निचला स्तर वर्ष 2017-18 में 13.05 लाख करोड़ रुपये था। लेकिन यह 2018-19 में बढ़कर 14.92 लाख करोड़ रुपये और 2019-20 में 15.49 लाख करोड़ रुपये हो गया था। सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि 2020-21 से लेकर 2022-23 के दौरान म्यूचुअल फंड में निवेश लगभग तिगुना होकर 1.79 लाख करोड़ रुपये हो गया जो 2020-21 में 64,084 करोड़ रुपये था। शेयरों और डिबेंचर में परिवारों का निवेश इस अवधि में 1.07 लाख करोड़ रुपये से लगभग दोगुना होकर 2022-23 में 2.06 लाख करोड़ रुपये हो गया। 


आंकड़े बताते हैं कि परिवारों को बैंक ऋण भी इन तीन वर्षों में दोगुना होकर 2022-23 में 11.88 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह 2020-21 में 6.05 लाख करोड़ रुपये और 2021-22 में 7.69 लाख करोड़ रुपये था। वित्तीय संस्थानों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की तरफ से परिवारों को दिया जाने वाला ऋण भी वित्त वर्ष 2020-21 में 93,723 करोड़ रुपये से चार गुना बढ़कर 2022-23 में 3.33 लाख करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2021-22 में यह 1.92 लाख करोड़ था।

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