बिहार सरकार को प्रशांत किशोर का चैलेंज? दो साल में 5-10 लाख नौकरियां देती है तो ‘जन सुराज अभियान’ वापस ले लूंगा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 18, 2022

पटना। राजनीति रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बुधवार को कहा कि अगर बिहार की नवगठित महागठबंधन सरकार अगले एक-दो साल में 5-10 लाख नौकरियां देने में सफल रहती है तो वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत सरकार के खिलाफ अपना ‘जन सुराज’ अभियान वापस ले लेंगे। ‘जन सुराज अभियान’ के तहत समस्तीपुर पहुंचे प्रशांत किशोर ने नवगठित महागठबंधन सरकार के 10 लाख नौकरी के वादे पर उक्त बयान दिया। उन्होंने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘स्कूलों में पढ़ा रहे नियोजित शिक्षकों को तो समय पर तनख्वा दे नहीं पा रही है यह सरकार, नयी नौकरियां कहां से दे पाएगी।’’

इसे भी पढ़ें: केंद्र ‘गुपचुप तरीके से’ रोहिंग्याओं को दिल्ली में स्थायी ठिकाना देने की कोशिश कर रहा : सिसोदिया

किशोर ने आने वाले समय में प्रदेश में राजनीतिक उठा-पठक की भविष्यवाणी करते हुए कहा, ‘‘अभी हमको आए हुए तीन महीने ही हुए और बिहार की राजनीति 180 डिग्री घूम गई। अगला विधानसभा चुनाव आते-आते अभी कई बार बिहार की राजनीति घूमेगी।’’ पिछले कुछ वर्षों में तीसरी बार बिहार सरकार का समीकरण बदलने के संदर्भ में उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अपनी कुर्सी से ‘‘चिपक’’ जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बाकी की पार्टियां कभी इधर तो कभी उधर होती रहती हैं।

इसे भी पढ़ें: बिहार JDU में कलह आयी सामने! विधायक बीमा भारती ने की इस्तीफे की पेशकश, नए मंत्रिमंडल को लेकर मतभेद

किशोर ने कहा कि जनता ने इस सरकार को वोट नहीं दिया था, यह सरकार जुगाड़ पर चल रही है, इसे जनता का विश्वास प्राप्त नहीं है। उन्होंने 2005 से 2010 के बीच राजग सरकार के काम की प्रशंसा भी की। उल्लेखनीय है कि 15 अगस्त को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने डिप्टी तेजस्वी यादव के युवाओं को 10 लाख नौकरियां के चुनावी वादे की ओर इशारा करते हुए कहा था, ‘‘हमलोगों की इच्छा है कि इसे 20 लाख तक पहुंचाएं।

प्रमुख खबरें

सरकार विपणन वर्ष 2023-24 में 20 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दे : ISMA

Jio, Airtel, Vodafone Idea 96,317 करोड़ रुपये की स्पेक्ट्रम नीलामी में भाग लेंगी

Justice SK Mishra बने GST अपीलीय न्यायाधिकरण के पहले अध्यक्ष, वित्त मंत्री ने दिलाई शपथ

Madhya Pradesh में कांग्रेस ने की जोरदार वापसी, भाजपा को भी क्लीन स्वीप की आस