By अंकित सिंह | Jun 05, 2025
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार (5 जून) को जम्मू-कश्मीर को अस्थिर करने के लिए पाकिस्तान समर्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और उनके सहयोगियों द्वारा आतंकी साजिश के खिलाफ अपनी जारी जांच के तहत कश्मीर भर में 32 स्थानों पर तलाशी ली। एनआईए के अनुसार, ये स्थान हाइब्रिड आतंकवादियों और पाकिस्तान स्थित इन संगठनों से जुड़े ओवरग्राउंड वर्करों के आवासीय परिसर थे, जैसे द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ), यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट जम्मू और कश्मीर (यूएलएफजे-के), मुजाहिदीन गजवत-उल-हिंद (एमजीएच), जम्मू और कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स (जेकेएफएफ), कश्मीर टाइगर्स, पीएएएफ और अन्य, जो लस्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), अल-बद्र जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों से जुड़े हैं।
एनआईए ने एक बयान में कहा कि जिन कार्यकर्ताओं और परिसरों की तलाशी ली गई, वे आतंकवादी गतिविधियों में सहयोग करने, जैसे आतंकवादियों की मदद करना, चिपचिपे बम/चुंबकीय बम, आईईडी, धन, मादक पदार्थ और हथियार एवं गोला-बारूद का संग्रह और वितरण करने में संलिप्तता के कारण एनआईए की जांच के दायरे में हैं। एनआईए की जांच के अनुसार, पाकिस्तान में अपने नेताओं द्वारा समर्थित उपर्युक्त संगठन स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर और जमीनी कार्यकर्ताओं को संगठित करके, जम्मू-कश्मीर में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए आतंक और हिंसा की वारदातों को अंजाम देने की साजिश रच रहे हैं।
जांच एजेंसी ने आगे कहा कि जांच से पता चला है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी सोशल मीडिया या ऑनलाइन ऐप का इस्तेमाल आतंक को बढ़ावा देने और उसे बढ़ावा देने के लिए कर रहे थे। उन्होंने कहा, "वे कश्मीर घाटी में अपने गुर्गों और कैडरों को हथियार और गोला-बारूद, विस्फोटक और नशीले पदार्थ पहुंचाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे थे।" तलाशी के दौरान एनआईए को दो जिंदा कारतूस, एक फायर की गई गोली का सिरा और एक संगीन बरामद हुई। इसके अलावा, एनआईए को इन तलाशियों में बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक डेटा और दस्तावेज वाले कई डिजिटल उपकरण भी मिले हैं।