By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 10, 2021
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की 2,705.35 करोड़ रुपये की 989 परियोजनाओं का शिलान्यास, कार्यारम्भ, उद्घाटन एवं लोकार्पण किया। पटना के अधिवेशन भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान नीतीश ने स्वास्थ्य विभाग की 2,705.35 करोड़ रुपये की 989 परियोजनाओं का रिमोट के माध्यम शिलान्यास, कार्यारम्भ, उद्घाटन एवं लोकार्पण किया। इसमें 1,503.06 करोड़ रूपये की 872 योजनाओं का शिलान्यास, 521.74 करोड़ रुपये की लागत की दो योजनाओं का कार्यारंभ, 399 करोड़ रूपये की 108 योजनाओं का उद्घाटन किया तथा 281.55 करोड़ रुपये की सात योजनाओं का लोकार्पण शामिल है।
इस अवसर पर अपने संबोधन में नीतीश कुमार ने कहा ‘‘हमने वर्ष 2006 के फरवरी माह में सर्वे कराया था जिसमें पता चला कि एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर इलाज के लिए महीने भर में 39 मरीज जाते थे। स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किया गया, चिकित्सकों के साथ-साथ दवा की व्यवस्था की गई और अब औसतन एक महीने में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर इलाज के लिए 10 हजार लोग पहुंच रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष मार्च से कोरोना का प्रभाव बिहार में दिखा और हमलोगों ने लोगों के बचाव और रक्षा के लिये काम किया। इसके लिये केन्द्र सरकार से भी सहायता मिली। राज्य सरकार द्वारा 10 हजार करोड़ रूपये से भी ज्यादा उनके इलाज और बचाव के लिये खर्च किये गये।
मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘हमने कोरोना महामारी के पहले दौर से ही इस रोग से मरने वाले लोगों के परिजनों को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का प्रावधान किया है। हम ज्यादा प्रचार-प्रसार नहीं करते हैं, हम काम में भरोसा रखते हैं। कल भी एक व्यक्ति आये उनकी पत्नी का दिल्ली में कोरोना से निधन हो गया था। उन्होंने बताया कि उन्हें मुआवजा नहीं मिला है, हमने कहा कि बिहार के रहने वालों की अगर बिहार के बाहर भी कोरोना से मृत्यु होती है, तो उन्हें भी चार लाख रूपये का मुआवजा दिया जायेगा।’’ उन्होंने कहा कि 18 से 45 आयु वर्ग के लोगों के लिए टीके की व्यवस्था राज्यों को करनी थी, इसके लिए हमने 150 करोड़ रूपये से भी ज्यादा खर्च कर इस काम को शुरू किया। बाद में केंद्र सरकार द्वारा सभी आयु वर्ग के लिए मुफ्त टीके की व्यवस्था की गई, इसके लिए प्रधानमंत्री जी को विशेष तौर पर बधाई देते हैं। अभी 12 वर्ष से 18 आयु वर्ग के बच्चों के टीके की बात चल रही है, अगर उस पर भी निर्णय हुआ तो हम काम करेंगे। कुमार ने कहा कि कोरोना टीकाकरण का कार्य भी राज्य बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। हमने छह महीने में छह करोड़ लोगों का कम से कम टीकाकरण करवाने का लक्ष्य रखा है, जो इस वर्ष के अंत तक हो जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के साथ समीक्षा कर प्रत्येक पहलु की जानकारी ली जाती है। कोरोना की गांव-शहर, हर जगह जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी इच्छा है कि दो लाख से भी अधिक नमूनों की कोविड-19 जांच राज्य में रोजाना हो। जांच करने का उद्देश्य कोरोना संक्रमितों का पता लगाने और संक्रमण को फैलने से रोकना है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर की रोकथाम के लिये भी स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार है। दवा की किसी प्रकार की कमी नहीं है। हमने कई जगह जाकर देखा कि लोग मास्क पहन रहे हैं या नहीं। लोग मास्क पहनने में लापरवाही बरत रहे हैं। हमने लोगों को समझाने के लिये और प्रचार-प्रसार करने को कहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की संभावना बतायी जा रही है, इसे देखते हुए सभी सचेत और जागरुक रहें। कार्यक्रम के दौरान बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के कंट्री हेड हरि मेनन और बिहार के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण के बीच स्वास्थ्य क्षेत्र में तकनीकी सहयोग के लिए समझौके पर हस्ताक्षर किया गया।कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद एवं रेणु देवी तथा स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने भी संबोधित किया।