विरोधियों की ताकत घटाकर अपने किले को मजबूत बनाना, सोशल इंजीनियरिंग के रास्ते नीतीश का एक तीर से दो निशाना

By अभिनय आकाश | Feb 16, 2021

विधानसभा चुनाव में तीसरे स्थान पर रही जदयू अपनी ताकत बढ़ाने में लगी है। पिछले दिनों बसपा विधायक जमां खां और निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह को जदयू ने अपने खेमे में कर लिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने से पहले इन दोनों नेताओं की मुलाकात डाॅ. अशोक चौधरी से हुई थी। इसके बाद ओवैसी की पार्टी के चारों विधायकों ने जदयू नेताओं से मुलाकात की और फिर लोजपा के सांसद चंदन सिंह ने नीतीश कुमार से भेंट की। लेकिन फिर खबर आई कि भाकपा के नेता और जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने जदयू नेता डाॅ. अशोक चौधरी से मुलाकात की है। जिसके बाद से ही सियासी अटकलबाजी का दौर शुरू हो गया और कई तरह के कयास लगाए जाने लगे। 

सभी युवा जदयू में शामिल हो हम तो यही चाहेंगे

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने कहा कि हम तो चाहेंगे कि सभी युवा, महिला तथा श्रमिक जदयू में शामिल होकर बिहार को विकसित और मजबूत बनाएं। जब आरसीपी सिंह से पूछा गया कि जदयू क्या विस्तार के मोड में है तो उन्होंने कहा कि मसला विस्तार का नहीं है, हमारी पार्टी की सोच, विचारधारा और काम का है। लोगों को लगता है कि हमारे नेता नीतीश कुमार ने अच्छा काम किया है। 

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सांसद चंदन सिंह की नीतीश से मुलाकात से लोजपा में हलचल

लोजपा सांसद के नीतीश कुमार से मुलाकात के  बाद राज्य का सियासी तापमान अचानक से बढ़ गया है। खासकर लोजपा में इसे लेकर काफी बेचैनी है। पार्टी के कई नेताओं ने इसके बाद चंदन सिंह से संपर्क करना शुरू किया। हालांकि चंदन सिंह ने इसे महज शिष्टाचार मुलाकात बताया। लोजपा ने भी इसे अधिक तूल न देने वाला बताया। पार्टी के प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने कहा कि सांसद का मुख्यमंत्री से मिलना आम बात है। सूत्रों के अनुसार सांसद चंदन सिंह जब बीते दिनों बीमार पड़े थे तो सीएम नीतीश कुमार ने उनका हालचाल पूछा था। ऐसे में वे आभार व्यक्त करने गए थे। 

भूमिहारों ने बीजेपी को दी बधाई

बिहार में बीते दिनों मंत्रिमंडल विस्तार में 17 नए चेहरों को शामिल किया गया। जहां नीतीश कैबिनेट में बीजेपी के कोटे से 9 लोगों को मंत्री बनाया गया वहीं जेडीयब से 8 लोगों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। लेकिन गौर करने वाली बात है कि इस बार के कैबिनेट विस्तार में एक भी भूमिहार नेता को जगह नहीं मिली। बाढ़ से बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने सीधे-सीधे बीजेपी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए। वहीं बीजेपी नेताओं ने भूमिहारों समाज को जगह न मिलने पर नाराजगी अनोखे अंदाज में नाराजगी दिखाई। बीजेपी के प्रदेश कार्यालय के बाहर कुछ दूरी पर पोस्टर लगा है जिसमें भूमिहार को जगह न मिलने पर शीर्ष नेतृत्व को बहुत बहुत बधाई दी गई है। 

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नीतीश एक तीर से दो शिकार

एक तरफ जहां नीतीश अपना किला मजबूत करके संभावित चुनौतियों से निपटने का रास्ता तलाश रहे हैं। इसी कवायद में चाहे वो रालोसपा चीफ उपेंद्र कुशवाहा से कई  बार की मुलाकात और उसके बाद उनकी पार्टी की जदयू में विलय की उठती खबरें। वहीं दूसरी तरफ बसपा, निर्दलीय विधायक को अपने पाले में लाने की सफलता और ओवैसी के विधायकों से नजदीकियां। तमाम तरह के ऐसे कवायद हैं जो नीतीश कुमार की तरफ से किए जा रहे हैं। इसी क्रम में नवादा से लोजपा सांसद चंदन सिंह ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है नीतीश एक तीर से दो शिकार करने की जुगत में हैं। एक तरफ जहां वो लोजपा में सेंधमारी कर उसको कमजोर करना चाहते हैं क्योंकि विधानसभा चुनाव में नीतीश को तीसरे नंबर की पार्टी बनाने में चिराग पासवान का बहुत बड़ा रोल रहा है। विधानसभा की 32 सीटों पर जदयू की हार का कारण लोजपा बनी थी। इसतके साथ ही वो बिहार भाजपा की संभावित चुनौती की काट ढूंढ़ने में  लगे हैं। एलजेपी सांसद चंदन कुमार सिंह भूमिहार जाति से आते हैं। वहीं भाकपा नेता कन्हैया कुमार के साथ जदयू मंत्री की मुलाकात को भी इसी नजर से देखा जा रहा है। बिहार में भूमिहार 2011 की जनगणना के अनुसार छह फीसदी के लगभग हैं। अगर ये नीतीश के साथ आ जाते हैं तो उनकी ताकत बढ़ सकती है। चंदन सिंह और कन्हैया को साधने की कोशिश कर नीतीश कुमार यही संकेत देने की फिराक में हैं। 


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