By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 16, 2024
नयी दिल्ली । गेहूं और अन्य मुख्य रबी फसलों पर हाल की बारिश के प्रभाव की फिलहाल कोई रिपोर्ट नहीं है, और कटाई पूरे जोरशोर से जारी है। कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने भविष्यवाणी की है कि ताजा पश्चिमी विक्षोभ के कारण कई राज्यों में बारिश और ओलावृष्टि जारी रहेगी।
आईएमडी के अनुसार, 18-21 अप्रैल के दौरान एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ द्वारा उत्तर पश्चिम भारत को प्रभावित करने की संभावना है और पूर्वी बिहार, पूर्वोत्तर असम, रायलसीमा और दक्षिण तमिलनाडु पर बने एक चक्रवाती परिसंचरण के कारण अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश, आंधी के साथ बिजली गिरने का भी खतरा है। कृषि आयुक्त पी के सिंह ने पीटीआई-को बताया, ‘‘फिलहाल, बारिश के कारण गेहूं और अन्य फसलों को नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं है। वास्तव में इस बारिश से चावल जैसी जायद (ग्रीष्मकालीन) फसलों को मदद मिलेगी।’’
गेहूं की फसल पर ताजा पश्चिमी विक्षोभ के संभावित प्रभाव पर आईसीएआर-भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर-आईआईडब्ल्यूबीआर) के निदेशक ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘आने वाले दिनों में इन राज्यों में संभावित बारिश या तूफान से फसल पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इस समय चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा में गेहूं की कटाई अभी शुरू हुई है। सिंह ने कहा, ‘‘एक सप्ताह के भीतर, इन दोनों राज्यों में लगभग 95 प्रतिशत गेहूं की फसल काट ली जाएगी। कटाई तेजी से की जाती है क्योंकि किसान कंबाइन हार्वेस्टिंग मशीनों का उपयोग करते हैं। इस तरह हम काफी बेहतर स्थिति में हैं।’’
आईसीएआर-आईआईडब्ल्यूबीआर के निदेशक ने आगे कहा कि उत्पादकता का स्तर काफी अच्छा है, जिससे फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) में 11.4 करोड़ टन का रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन हुआ है। देर से बोई गई गेहूं की फसल, जो इस साल कुल तीन करोड़ 41.5 लाख हेक्टेयर रकबे के 15 प्रतिशत भाग में बोई गई है, एक सप्ताह के समय में कटाई के लिए तैयार हो जाएगी। उन्होंने कहा कि यह फसल अच्छी तरह से परिपक्व हो गई है।