पूर्वोत्तर के उग्रवादी संगठनों को पड़ोसी देशों से मदद नहीं: सरकार

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 09, 2016

सरकार ने आज कहा कि उसे पूर्वोत्तर के उग्रवादी संगठनों को पड़ोसी देशों से किसी तरह की आर्थिक मदद आदि मिलने की कोई जानकारी नहीं मिली है और पिछले कुछ सालों में उग्रवाद की घटनाओं में कमी आई है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने लोकसभा में कल्याण बनर्जी के प्रश्न के उत्तर में कहा कि अगर पूर्वोत्तर में उग्रवादियों को पड़ोसी देशों से किसी तरह की मदद की रिपोर्ट मिलती है तो उसका अध्ययन कर कार्रवाई की जाएगी।

 

उन्होंने कहा कि सरकार को उसकी एजेंसियों से अभी तक इस तरह की कोई जानकारी नहीं मिली है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एक लिखित उत्तर में कहा कि नेशनल सोशलिस्ट्स काउंसिल ऑफ नगालैंड (खापलांग) नामक संगठन के पड़ोसी देशों के इशारे पर गतिविधियां चलाने की कोई विशेष सूचना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की खुफिया जानकारी है कि भारतीय उग्रवादी संगठनों ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में पड़ोसी देशों से लगी सीमा पर शिविर, प्रशिक्षण केंद्र बनाये हैं।’’

 

मंत्री ने कहा कि म्यामां, बांग्लादेश समेत पड़ोसी देशों के साथ इस संबंध में द्विपक्षीय बैठकें की जाती हैं और उनसे भारतीय उग्रवादी संगठनों के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने तथा उनके देशों में उग्रवादी संगठनों के ठिकानों को नेस्तानाबूद करने का आग्रह किया जाता है। अहीर ने कहा कि देश में उग्रवाद की घटनाओं में कमी आई है। बांग्लादेश ने अपनी जमीन पर चल रहे अधिकतर उग्रवादी शिविरों को बंद कर दिया है। गृहमंत्री ने जवाब में यह भी कहा कि सरकार ने हिंसा का मार्ग छोड़ने वाले किसी भी उग्रवादी संगठन के साथ शांति वार्ता करने के लिए हमेशा इच्छा प्रकट की है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था राज्य का विषय है और केंद्र उग्रवाद से निपटने में राज्य सरकारों को मदद देता है।

 

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