By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 19, 2022
उन्होंने कहा, ‘‘बदली राजनीतिक परिस्थितियों में मुझे विधानसभा चुनाव 2022 नहीं लड़ना चाहिए, मैं अपनी भावनाओं से पूर्व में ही अवगत करा चुका हूं।’’ हस्तलिखित पत्र में रावत ने स्वयं को भाजपा कार्यकर्ता बताते हुए यह भी कहा है कि उत्तराखंड चुनाव के मद्देनजर वह अपना पूरा समय धामी के नेतृत्व में दोबारा सरकार बनाने के लिए काम करने में लगाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आपसे अनुरोध है कि मेरे चुनाव नहीं लड़ने के अनुरोध को स्वीकार करें ताकि मैं अपना पूरा प्रयास सरकार बनाने में लगा सकूं।’’ भाजपा सरकार के पांच साल के कार्यकाल में से चार साल मुख्यमंत्री पद पर रहे रावत बार-बार नेतृत्व परिवर्तन से नाराजगी के संकेत देते रहे हैं और अब विधानसभा में केवल विधायक के रूप में बैठने में खुद को सहज नहीं पा रहे हैं।
कहा जा रहा है कि चारधाम सहित प्रदेश के 53 मंदिरों के प्रबंधन और रखरखाव के लिए गठित चारधाम देवस्थानम बोर्ड सहित उनके कार्यकाल के कुछ अन्य निर्णयों को वापस लिए जाने से भी वह आहत हैं। पिछले साल मार्च में राज्य में नेतृत्व परिवर्तन करते हुए भाजपा ने त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह तीरथ सिंह रावत को राज्य की कमान सौंप दी थी। हालांकि, बाद में विधानसभा सदस्य बनने की अनिवार्यता पूरी नहीं हो पाने के कारण तीरथ सिंह को हटाकर पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया गया।