By अंकित सिंह | Oct 19, 2021
हाल के दिनों में हमने देखा कि कैसे चीन लगातार भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश करता रहा है। चाहे वह लद्दाख का मामला हो या फिर उत्तराखंड या फिर अरुणाचल प्रदेश का। चीन लगातार एलएसी पार कर भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश करता है। इतना ही नहीं, चीन की ओर से तो भारतीय क्षेत्र पर भी दावा किया जाता है। इन सबके बीच अब भारत भी चीन के इस प्लान को नाकाम करने के लिए नया कदम उठा रहा है। दरअसल, भारतीय सेना एलएसी पर अब एविएशन ब्रिगेड तैयार कर रहा है जिसके जरिए चीनी सेना की हर चाल पर हम नजर रख पाएंगे। एविएशन ब्रिगेड में अटैक हेलीकॉप्टर है। इसके अलावा महत्वपूर्ण निगरानी के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जाएगा। एलएसी पर तेजी से सैनिकों को पहुंचाने के लिए भारत अब चिनूक और mi-17 जैसे बड़े हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल करेगा।
अरुणाचल प्रदेश जैसे पहाड़, घाटी और घने जंगलों वाले इलाकों में परिवहन के लिए सबसे ज्यादा काम में हेलीकॉप्टर ही आता है। सैनिकों को सीमा पर पहुंचाने से लेकर गोला-बारूद तक पहुंचाने का काम हेलीकॉप्टर करता है। लेकिन सबसे बड़ी बात है कि एलएसी पर जब एविएशन के जरिए भारत अपनी निगरानी को मजबूत करेगा उसके बाद चीन के हाल-चाल का भारत मुंहतोड़ जवाब दे सकेगा। लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक भारत और चीन के बीच करीब 3400 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है जिसे LAC कहा जाता है। चीन की ओर से लगातार सीमा का उल्लंघन किया जाता रहा है। पिछले दिनों गलवान में भी हमने देखा कि किस तरह से भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच खूनी संघर्ष हुई थी जिसके बाद दोनों देशों में और तनाव आ गया।
एलएसी पर चीन की गतिविधि पर नजर बनाए रखने के लिए भारत इजराइल निर्मित हेरोन ड्रोन का इस्तेमाल करेगा। विशेषज्ञों की माने तो यह निगरानी के लिए सबसे बेहतर ड्रोन विमान है। वर्तमान में देखें तो यह निगरानी की रीढ़ बना हुआ है। सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह ड्रोन 30000 फीट की ऊंचाई तक भी पहुंच सकता है और वहीं से जमीन पर कमान और कंट्रोल दोनों अहम डाटा और तस्वीरें भेज सकता है। जाहिर सी बात है इसके तैनाती से भारतीय सेना को काफी मदद मिलेगी। इसके अलावा इस ड्रोन की खासियत यह है कि यह दिन रात सीमा पर खराब मौसम में भी नजर रख सकता है।