अब मथुरा के विकास में जुटी योगी सरकार, काशी विश्वनाथ की तर्ज पर मथुरा में बनेगा बांके बिहारी कॉरिडोर

By अंकित सिंह | Aug 24, 2022

उत्तर प्रदेश के योगी सरकार लगातार धार्मिक नगरों का विकास करने में जुटी हुई है। हिंदू आस्था के अनुसार काशी, अयोध्या और मथुरा की मान्यता काफी ज्यादा है। तीनों ही शहर उत्तर प्रदेश में आते हैं और तीनों ही शहरों के विकास को लेकर योगी सरकार ने लगातार प्रतिबद्धता दिखाई है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही आसपास के इलाकों को पूरी तरह से विकसित किया जा रहा है। तो वही वाराणसी का रंग रूप पूरी तरह से बदल चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल वहां काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन भी किया था। अब बारी मथुरा की है। योगी सरकार के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा है कि कैबिनेट की बैठक में मथुरा के विकास पर चर्चा हो चुकी है। यहां विशाल कॉरिडोर बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां से जमुना जी तक विशाल कॉरिडोर होगा जिसकी वजह से एक साथ 60 से 70 हजार श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। 

 

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इस कॉरिडोर के निर्माण में 250 करोड़ से ज्यादा की लागत आएगी। कुल मिलाकर देखें तो योगी सरकार लगातार मथुरा के विकास के लिए प्रतिबद्धता दिखा रही है। यूपी सरकार के मंत्री लक्ष्मी नारायण ने यह भी कहा कि जन्माष्टमी के दिन बांके बिहारी मंदिर में हुई घटना की उच्च स्तरीय जांच की जाएगी। आगे इस तरह की घटना ना हो, इसको लेकर उपाय किए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पूरी घटना की रिपोर्ट वह खुद मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे। उन्होंने कहा कि जन्माष्टमी पर अत्यधिक भीड़ होने की वजह से इस तरह के घटना हुई। आसपास की गलियां बेहद सकड़ी हैं जिसकी वजह से एंबुलेंस का निकलना मुश्किल था। अगर शासन की ओर से किसी भी तरह की कमी पाई जाएगी तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की गई। 

 

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बरसाना से दौड़ेगा उत्तर प्रदेश के विकास का इंजन

उत्तर प्रदेश के विकास का इंजन तेज रफ्तार से दौड़ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में नई योजनाओं और परियोजनाओं को सतत लागू किया जा रहा है। इसी कड़ी में बरसाना, मथुरा में प्रदेश के सबसे बड़े बायो गैस प्लांट का विकास किया जा रहा है। 600 टन प्रतिदन फीडस्टॉक क्षमता वाले इस प्लांट की शुरुआत के साथ ही उत्तर प्रदेश का बरसाना और आसपास का क्षेत्र विश्व मानचित्र पर जैव ऊर्जा के प्रमुख योगदानकर्ताओं में से एक बन जाएगा। साथ ही उत्तर प्रदेश भी जैव ऊर्जा के अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य पर अग्रणी स्थान हासिल करेगा। 

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