By अभिनय आकाश | Jun 24, 2021
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य राष्ट्रों के उच्च सुरक्षा अधिकारियों की बैठक में शामिल हुए। तजाकिस्तान में एससीओ मीटिंग में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद बंद होना चाहिए। एनएसए ने आतंकवादियों को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ भी एक्शन की बात कही। संयुक्त राष्ट्र के नियमों का कराई से पालन किया जाना चाहिए। एनएसए अजीत डोभाल ने एससीओ की बैठक में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्य योजना लाने का आग्रह किया।
अजीत डोभाल ने एससीओ और एफएटीएफ के बीच एक समझौता ज्ञापन सहित आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपनाने पर भी जोर दिया। उन्होंने आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए एससीओ और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के बीच एक समझौता ज्ञापन सहित अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपनाने पर जोर दिया।
डोभाल ने अपने संबोधन में आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल की जा रही नयी तकनीकों की निगरानी पर भी जोर दिया। बैठक से इतर डोभाल ने रूसी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार निकोलाई पत्रुशेव के साथ दो घंटे से अधिक समय तक बैठक की। सूत्रों ने कहा कि उन्होंने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व से जुड़े समकालीन घटनाक्रम पर चर्चा की। बैठक में डोभाल ने अफगानिस्तान के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले दो दशकों में हासिल की गई उपलब्धियों को कायम रखने और अफगान लोगों के कल्याण को शीर्ष प्राथमिकता देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान को लेकर एससीओ संपर्क समूह का भारत पूरा समर्थन करता है तथा इसे और अधिक सक्रिय होना चाहिए। डोभाल ने कहा कि भारत 2017 में संगठन का सदस्य बना, लेकिन एससीओ के संस्थापक देशों के साथ सदियों से उसके भौतिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और दार्शनिक संबंध हैं।
बता दें कि ताजिकिस्तान वर्तमान में एससीओ का अध्यक्ष है। वह 23 तथा 24 जून को आठ सदस्य देशों के उच्च राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों की बैठक की मेजबानी कर रहा है। पाकिस्तानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ और अफगान एनएसए हमदुल्ला मोहीब भी बैठक में शामिल हुए।