Odisha Train Accident: कांग्रेस ने फिर मांगा रेल मंत्री का इस्तीफा, सुप्रिया श्रीनेत बोलीं- ध्यान भटकाने के लिए रची जा रही नई-नई थ्योरी

By अंकित सिंह | Jun 06, 2023

ओडिशा के बालासोर में भीषण रेल हादसे में 275 लोगों की मौत हो गई जबकि 1000 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। इसको लेकर राहत और बताव कार्य खत्म हो चुका है। साथ ही साथ अब उस ट्रैक पर ट्रेनों की आवाजाही भी शुरू हो चुकी है। लेकिन पूरे मामले पर राजनीति कम होने का मान नहीं ले रही है। आज एक बार फिर से कांग्रेस ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का इस्तीफा मांगा है। कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि पूरे मामले से सिर्फ ध्यान भटकाने की कोशिश हो रही है। 

 

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CBI जांच पर सवाल

कांग्रेक प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सवाल किया कि क्या CBI और NIA सच में कुछ कर पाएगी? उन्होंने कहा कि कानपुर और कुनेरु रेल हादसे की जांच NIA को सौंपी गई थी, आज 7 साल बाद भी इन मामलों में चार्जशीट दायर नहीं हुई है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो इस मामले में एक्‍सपर्ट हैं उनसे इसकी जांच करानी चाह‍िए। न क‍ि सरकार की व‍िफलता से ध्‍यान हटाने के ल‍िए NIA और CBI को इन मामलों में शाम‍िल करना चाह‍िए। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से कई सवाल भी पूछे है। 


सरकार से सवाल

- CBI पता करेगी कि ट्रैक की मरम्मत और नए ट्रैक बिछाने का बजट जो 2018-19 में 9607 करोड़ था वो 2019-20 में घटकर 7417 करोड़ क्यों हुआ? 


- CBI ढूंढेगी कि रेल चिंतन शिविर में जब हर ज़ोन को सुरक्षा पर बोलना था, वहां सिर्फ़ एक ही ज़ोन को क्यों बोलने दिया गया और इस शिविर में सारा ध्यान 'वंदे भारत' पर केंद्रित क्यों था? 


- CBI मालूम करेगी, CAG की रिपोर्ट में जिक्र है कि 2017-21 के बीच 10 में से करीब 7 हादसे ट्रेन के पटरी से उतरने की वजह से हुए, या फिर ईस्ट कोस्ट रेलवे में सुरक्षा के लिए ट्रैक मेंटिनेंस का परीक्षण क्यों नहीं हुआ?


- CBI पता लगाएगी कि राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष की फंडिंग 79% कम क्यों की गई है? 


- CBI मालूम करेगी कि राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष को सालाना 20,000 करोड़ का बजट क्यों आवंटित नहीं हुआ, जैसा कि वादा था?


- CBI यह ढूंढेगी कि 3 लाख से ज़्यादा पद रेल विभाग में खाली क्यों हैं?


- CBI पता करेगी कि लोको चालक से 12 घंटे से ज़्यादा की ड्यूटी क्यों कराई जा रही है?

 

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इस्तीफ दें रेल मंत्री

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि जब नैतिक ज़िम्मेदारी लेकर रेल मंत्री को इस्तीफ़ा देना चाहिए, तब ध्यान भटकाने के लिए नई-नई थ्योरी रची जा रही है। इस सरकार में जवाबदेही का 'ज' तक नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री या रेल मंत्री घटना स्थल पर जाते हैं तो स्वांग रचा जाता है, जैसे भगवान प्रकट हो गए हों। उन्होंने कहा कि जहां 300 लोगों की मृत्यु हो गई हो, वहां जाना उनका काम है। वो अलग बात है कि वहां कूलर लगे थे और शव डंपर में गाजर-मूली की तरह फेंके जा रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार को जब-जब कटघरे में खड़ा किया जाता है तो सिर्फ ध्यान भटकाया जाता है। 

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