नहीं सुधर रहा पाकिस्तान, गोलीबारी में BSF के चार जवान शहीद

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 13, 2018

जम्मू। जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी रेंजर्स की ओर से बिना उकसावे की गोलीबारी में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक अधिकारी समेत चार सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए और तीन अन्य घायल हो गए हैं। बीएसएफ (जम्मू फ्रंटियर) के आईजी राम अवतार ने आज कहा, 'पाकिस्तानी रेंजर्स ने गत रात रामगढ़ सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलीबारी की। हमने एक असिस्टेंट कमांडेंट रैंक के अधिकारी समेत चार सुरक्षाकर्मियों को खो दिया है जबकि हमारे तीन अन्य जवान घायल हो गए हैं।’’

उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी रेंजर्स और बीएसएफ हाल ही में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संघर्ष विराम के लिए सहमत हुए थे लेकिन पाकिस्तान ने सीमा पार से गोलीबारी की। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसपी वैद्य ने एक ट्वीट कर घटना पर दुख जताया। उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू के रामगढ़ सेक्टर में सीमा पार से गोलीबारी में एक असिस्टेंट कमांडेंट समेत बीएसएफ के चार जवान शहीद हो गए। हमारी संवेदनाएं मृतकों के परिजनों के प्रति हैं।’’

 

एक पुलिस अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि रामगढ़ सेक्टर के चमलियाल पोस्ट इलाके में सीमा पार से गोलीबारी मंगलवार रात करीब साढ़े दस बजे शुरू हुई और तड़के साढ़े चार बजे तक जारी रही।’’ उन्होंने बताया कि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि बीएसएफ जवानों की मौत रात को हुई या तड़के। अधिकारी ने बताया कि बीएसएफ जवानों ने भी गोलीबारी का जवाब दिया। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर यह संघर्ष विराम उल्लंघन की दूसरी बड़ी घटना है और 29 मई को दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच 2003 के संघर्षविराम समझौते को लागू करने पर राजी होने के बावजूद यह घटना हुई है।

 

तीन जून को प्रागवाल, कानाचक और खौर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी रेंजर्स की भारी गोलाबारी और गोलीबारी में एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर समेत दो बीएसएफ जवान शहीद हो गए थे और दस लोग घायल हो गए थे। पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन की इस ताजा घटना के साथ ही इस साल सीमा पर मृतकों की संख्या 50 पर पहुंच गई है जिनमें 24 जवान शामिल हैं। दोनों देशों के डीजीएमओ 29 मई को 2003 के संघर्षविराम समझौते को अक्षरश: लागू करने पर सहमत हो गए थे। पिछले महीने 15 मई और 23 मई के बीच पाकिस्तान की ओर से भारी गोलीबारी के कारण जम्मू, कठुआ और सांबा जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रह रहे हजारों लोगों को अपने घरों को छोड़कर जाना पड़ा था। इस दौरान गोलीबारी में दो बीएसएफ जवान और एक शिशु समेत 12 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे।

 

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