By अभिनय आकाश | Aug 11, 2025
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शेर की तरह अमेरिका में घुसने वाले हैं। 15 अगस्त को जब भारत अपना स्वतंत्रता दिवस मना रहा होगा तो उस वक्त पुतिन पूरे लाव लश्कर के साथ अलास्का में डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात करने जा रहे हैं। जिससे यूक्रेन के साथ चल रही जंग का कोई समाधान निकाला जा सके। मगर इस बड़ी मुलाकात का सबसे बड़ा असर भारत पर पड़ेगा और भारत ने भी इस ऐतिहासिक मुलाकात से पहले अचानक पूरा खेल पलट दिया है। यूक्रेन वॉर और टैरिफ वॉर के बीच पुतिन और ट्रंप का आमना सामना अमेरिका के अलास्का में हो रहा है। अलास्का रूस से 88 किलोमीटर दूर है और अब अमेरिका का हिस्सा बन चुका है। 1741 में रूसी खोजकर्ताओं ने अलास्का की खोज की थी। उसी के बाद रूस ने अलास्का पर दावा कर दिया था। लेकिन 1799 में रूस के साथ साथ अमेरिका ने भी अलास्का पहुंचकर वहां व्यापार शुरू कर दिया। लेकिन 1857 आते आते रूस को अलास्का में व्यापारिक घाटा होना शुरू हो गया। जिसके कारण 1867 में 72 मिलियन डॉलर में अलास्का अमेरिका को बेच दिया। अब इसी अलास्का में पुतिन और ट्रंप आमने सामने होंगे।
इस जगह को इसलिए चुना गया क्योंकि ये है तो अमेरिका में लेकिन रूस के भी काफी नजदीक है। इसके अलावा अलास्का को चुनने की एक बड़ी वजह है कि अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखा है। गिरफ्तारी वारंट इटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने जारी किया था क्योंकि उसी लगता है कि पुतिन ने यूक्रेन में वॉर क्राइम किए हैं। दुनिया के 124 देश इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के सदस्य हैं। ऐसे में इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट से सजा पाया व्यक्ति अगर इन 124 देशों में से कहीं भी पकड़ा जाता है तो उसे फौरन नीदरलैंड में स्थित इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के हेडक्वार्टर में भेजना जरूरी है। लेकिन दिलचस्प बात ये है कि चीन, साउथ कोरिया, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और भारत समेत कई देश आईसीसी के सदस्य नहीं हैं। इसलिए पुतिन ने अमेरिका के अलास्का को चुना।
भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच 15 अगस्त को अलास्का में होने वाली बैठक का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि इससे यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को समाप्त करने में मदद मिलेगी। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत 15 अगस्त 2025 को अलास्का में होने वाली बैठक के लिए अमेरिका और रूसी संघ के बीच बनी सहमति का स्वागत करता है। यह बैठक यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को समाप्त करने और शांति की संभावनाओं को खोलने का वादा करती है। जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मौकों पर कहा है, यह युद्ध का युग नहीं है। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर घोषणा की कि पुतिन के साथ बहुप्रतीक्षित बैठक अगले शुक्रवार को ग्रेट स्टेट ऑफ़ अलास्का में होगी, जिसके बारे में आगे की जानकारी बाद में दी जाएगी।
अगर पुतिन और ट्रंप की इस बैठक में यूक्रेन जंग पर कोई बड़ा फैसला हो जाता है तो भारत की मुश्किलें आसान हो जाएंगी। ट्रंप ने भारत पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। इसमें से 25 % टैरिफ का आधार तो केवल रूस से तेल खरीदना बताया गया है। ऐसे में अगर ये जंग खत्म हो जाती है तो भारत पर टैरिफ लगाने का कोई आधार ही नहीं बचता है। हालांकि 25 प्रतिशत का टैरिफ लगा रह सकता है क्योंकि डोनास्ड ट्रंप ने इसके बदले भारत के बाजार में एंट्री मांगी है।