Onam 2023: दक्षिण भारत में धूमधाम से मनाया जाता है ओणम पर्व, जानिए इसका शुभ मुहूर्त और महत्व

By अनन्या मिश्रा | Aug 22, 2023

ओणम दक्षिण भारत का प्रमुख त्योहार है। केरल राज्य में विशेष रूप से यह त्योहार काफी धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जाता है। बता दें कि ओणम का पर्व केरल में 10 दिनों तक चलता है। मलयालम कैलेंडर के मुताबिक चिंगम महीने में ओणम का पर्व मनाया जाता है। मलयालम कैलेंडर का पहला महीना चिंगम होता है। चिंगम का महीना अगस्त-सितंबर के बीच में आता है। मान्यता के अनुसार, राजा महाबली अपनी समस्त प्रजा से मिलने के लिए ओणम यानी थिरुओणम के दिन आते हैं।


इसी खुशी में यह त्योहार मनाया जाता है। केरल राज्य में हर साल इसका अलग ही महत्व देखने को मिलता है। आइए जानते हैं कि ओणम त्योहार की शुरूआत कब से हो रही है और इस पर्व के महत्व और त्योहार की खास बातों के बारे में...

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ओणम 2023 पर्व की शुरुआत

बता दें कि साल 2023 में इस पर्व की शुरूआत 20 अगस्त से हुई है। वहीं ओणम पर्व की समाप्ति 31 अगस्त को होगी। इस बीच 10 दिनों कर चलने वाले त्योहार में हर दिन खास होता है। वहीं 10वें दिन थिरुवोणम या ओणम पर्व का मनाया जाएगा। 


ओणम 2023 कैलेंडर

पहला ओणम- 28 अगस्त 2023, सोमवार

थिरुवोणम- 29 अगस्त 2023, मंगलवार

तीसरा ओणम- 30 अगस्त 2023, बुधवार

चौथा ओणम- 31 अगस्त 2023, गुरुवार


दस दिनों तक चलता है पर्व 

बता दें कि यह पर्व 10 दिनों तक चलता है। इस त्योहार के पहले दिन और आखिरी दिन को थीरुओणम कहा जाता है। यह पर्व उल्लास, उमंग और परंपराओं से भरा हुआ है। इस दिन केरल में फेमस सर्प नौका दौड़ और कथकली नृत्य का आयोजन किया जाता है।  


ओणम 2023 महत्व

इस पर्व के दौरान राजा बलि पाताल से प्रजा को आशीर्वाद देने आते हैं। 

भगवान श्रीहरि विष्णु ने इन्हीं दस दिनों के दौरान वामन अवतार लिया था।

इस त्योहार में फूलों का अधिक महत्व होता है। जिसमें फूल सिर्फ पुरुषों द्वारा लाए जाते हैं। 

वहीं फूलों को महिलाओं द्वारा पुष्प कालीन से जोड़ा जाता है। इन फूलों से ही रंगोली बनाई जाती है।

ओणम की पूजा से घर में सुख-समृद्धि आती है और वैवाहिक जीवन खुशियों से भर जाता है। 

मान्यता के अनुसार जो भी दंपति ओणम की पूजा साथ में करते हैं। उनके वैवाहिक जीवन में मधुरता बनी रहती है।

ओणम पूजा करने से भगवान श्रीहरि विष्णु की असीम कृपा प्राप्त होती है।

इस दस दिवसीय पर्व में केले और पापड़ का नाश्ता किया जाता है।

भगवान विष्णु ने राजा बलि को वामन अवतार में दर्शन दिए थे और वह आज भी उनके साथ हैं।

ओणम की पूजा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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