माफियाओं की सारी दादागिरी कोई मजबूत इच्छाशक्ति वाला मुख्यमंत्री ही निकाल सकता था

By नीरज कुमार दुबे | Mar 28, 2023

जब माफिया का राज होता है तो जनता थर थर कांपती है और जब कानून का राज होता है तो माफिया के हाथ पैर ही नहीं उसकी आत्मा भी कांपती है। माफिया डॉन अतीक अहमद पर सौ से भी ज्यादा केस दर्ज थे लेकिन आज से पहले उसे एक भी मामले में सजा नहीं हुई थी? सवाल उठता है कि इन माफियाओं का कानून से खेलने का हौसला और शौक किसने और क्यों बढ़ाया? क्या राजनीतिक दलों के लिए वोट बैंक पॉलिटिक्स ही सब कुछ हो गयी थी जोकि इन माफियाओं को पाला गया? यह बाहर रहते थे तो राजा की तरह रहते थे यह जेल में रहते थे तो घर जैसा आराम मिलता था। यह बाहर रह कर भी गोली मरवा सकते थे और जेल के अंदर रह कर भी किसी को गोली मरवाना इनके लिए उतना ही आसान था। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्यों पहले की सरकारों ने इन माफियाओं के विरुद्ध मामलों में सही तरह से पैरवी कर इन्हें सजा नहीं दिलाई। उमेश पाल के अपहरण मामले में सत्रह साल बाद फैसला आया, यदि पहले आ गया होता तो शायद आज उमेश पाल जिंदा होता।


बहरहाल, अब समय बदल चुका है। बड़े से बड़ा माफिया हो या खुद को डॉन समझने वाले गैंगस्टर, योगी राज में कई मिट्टी में मिला दिये गये और जो बचे हैं वह या तो खुद मिट्टी में मिल जायेंगे नहीं तो उनका भी हश्र वही होगा जोकि कानून के राज में अपराधियों का होता है। अतीक अहमद जैसे माफिया को समाजवादी पार्टी ने विधायक और सांसद बनाकर आगे बढ़ाया और प्रशासन को उसके रौब के आगे झुकाया लेकिन आज वह हाथ जोड़ कर चलता दिख रहा है तो दिख रहा है कि यूपी में पूरी तरह कानून का राज है। साबरमती जेल से निकाल कर जब अतीक अहमद को प्रयागराज लाया जा रहा था तो पूरे रास्ते मौत का खौफ उसके चेहरे पर दिखता रहा। योगी राज में कानून का डर माफियाओं के मन में कितना गहरा हो गया है उसकी मिसाल है अतीक अहमद का उतरा चेहरा, यह कानून के राज से मिला हौसला ही तो है कि जब माफियाओं को पुलिस वाहनों में ले जाया जाता है तो जनता गाड़ी पलटने की दुआ करती है, जब माफियाओं को कोर्ट में पेश किया जाता है तो फांसी दो, फांसी दो के नारे लगते हैं। जब माफियाओं के घरों पर बुलडोजर चलता है तो जनता और आस-पड़ोस में रहने वाले लोग प्रशासन की कार्रवाई का विरोध नहीं करते बल्कि अपने मोबाइल से वीडियो बना कर उसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करती है ताकि फिर कोई अपराधी दुस्साहस नहीं कर सके।

इसे भी पढ़ें: UP सरकार समयबद्ध तरीके से नगरीय निकाय चुनाव कराने को प्रतिबद्ध : Yogi Adityanath

सवाल यह भी उठता है कि आज उत्तर प्रदेश में अपराधी हाथ ऊपर करके अपने बीवी बच्चों के पीछे चलते हुए थाने पहुँच कर आत्मसमर्पण क्यों कर रहे हैं? आज अपराधी उत्तर प्रदेश में जमानत लेकर बाहर आने से क्यों कतराते हैं? आज दूसरे प्रदेश की जेलों में बंद अपराधी सुनवाई के लिए यूपी लाये जाते समय सड़क मार्ग से लाये जाने के विरोध में अदालत की शरण में क्यों जाते हैं? इसका जवाब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सबको संदेश दे चुके हैं कि कानून से खिलवाड़ करने वालों को कतई बख्शा नहीं जायेगा।

प्रमुख खबरें

Hardeep Singh Nijjar हत्याकांड में 3 तीन भारतीयों की गिरफ्तार पर S Jaishankar ने दी की प्रतिक्रिया, Canada को लेकर कही ये बात

Idli For Breakfast: नाश्ते को बनाना है टेस्टी और हेल्दी तो सर्व करें ये अलग-अलग तरह की इडली

World Laughter Day 2024: खुश रहना और खुशियां बांटना है वर्ल्ड लाफ्टर डे का उद्देश्य, जानिए इतिहास

World Laughter Day 2024: हंसी ही दुनिया को एकजुट करने में सक्षम