By एकता | Nov 30, 2025
संसद के शीतकालीन सत्र से एक दिन पहले, रविवार को केंद्र सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस छोटी लेकिन बेहद महत्वपूर्ण बैठक में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया।
संसद भवन में हुई इस बैठक में, विपक्ष ने कई अहम मुद्दे उठाए जिन्हें वे सदन के अंदर उठाना चाहते हैं। इनमें वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन, हाल ही में दिल्ली में हुए बम धमाके और विदेश नीति से जुड़ी मुख्य चिंताएं शामिल हैं।
वहीं, सरकार ने अपनी कानूनी प्राथमिकताएं बताईं और सत्र की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी दलों से सहयोग मांगा। हालांकि, बैठक के बाद, कांग्रेस ने सत्र की छोटी अवधि (केवल 15 बैठकें) का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि सरकार 'संसद को पटरी से उतारने पर आमादा' लग रही है।
संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होगा और 19 दिसंबर को समाप्त होगा। इस सत्र में कुल 15 बैठकें होंगी, जो आम तौर पर होने वाली 20 बैठकों से काफी कम हैं और यह हाल के सालों के सबसे छोटे सत्रों में से एक है।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बैठक से पहले सभी से संयम बरतने की अपील की। उन्होंने कहा, 'यह सर्दियों का मौसम है, हम उम्मीद करते हैं कि हर कोई ठंडे दिमाग से काम करेगा और गरमागरम बहस से बचेगा... शांत दिमाग से काम करने से देश को फायदा होगा।'
सरकार इस सत्र में कुल 14 बिल पेश करने की तैयारी में है, जिनमें कुछ बड़े और ढांचागत सुधार वाले बिल शामिल हैं।
परमाणु ऊर्जा बिल, 2025 (Atomic Energy Bill): इसका उद्देश्य परमाणु क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देना है।
उच्च शिक्षा आयोग विधेयक, 2025 (Higher Education Commission of India Bill): यह यूनिवर्सिटीज और उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए एक केंद्रीय आयोग बनाने का प्रस्ताव करता है, जिसका मकसद शैक्षणिक मानकों को सुधारना है।
दिवाला और दिवालियापन संहिता (संशोधन) विधेयक, 2025 (IBC Amendment Bill): यह दिवालियापन से जुड़े कानूनों में बदलाव करेगा।
राष्ट्रीय राजमार्ग (संशोधन) विधेयक, 2025: यह हाईवे विकास के लिए तेज और पारदर्शी भूमि अधिग्रहण को आसान बनाएगा।
इसके अलावा, कंपनी अधिनियम, सेबी और आर्बिट्रेशन एक्ट से जुड़े महत्वपूर्ण संशोधन विधेयक भी सूचीबद्ध हैं। सत्र में राजनीतिक टकराव और बड़े कानूनी सुधारों का मिश्रण देखने को मिल सकता है।