संविधान दिवस कार्यक्रम में बोले PM मोदी, हमारी सरकार विकास में नहीं करती भेदभाव

By अनुराग गुप्ता | Nov 26, 2021

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को विज्ञान भवन में आयोजित संविधान दिवस कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम सभी की अलग-अलग भूमिकाएं, अलग-अलग जिम्मेदारियां और काम करने के तरीके भी अलग-अलग हो सकते हैं। लेकिन हमारी आस्था, प्रेरणा और ऊर्जा का स्त्रोत एक ही है हमारा संविधान। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि आज हमारी सामूहिक भावना संविधान दिवस पर इस आयोजन के रूप में व्यक्त हो रही है। हमारी संवैधानिक संकल्पों को मजबूत कर रही है। इस कार्य से जुड़े सभी लोग अभिनंदन के अधिकारी हैं। 

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भारत को कहा जाता था सोने की चिड़िया 

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के लिए जीने-मरने वाले लोगों ने जो सपने देखे थे, उन सपनों के प्रकाश में और हजारों साल की भारत की महान परंपरा को संजोए हुए हमारे संविधान निर्माताओं ने हमें संविधान दिया। सैकड़ों वर्षों की गुलामी ने भारत को अनेक मुसीबतों में झोंक दिया था। किसी युग में सोने की चिड़िया कहा जाने वाला भारत गरीबी, भुखमरी और बीमारी से जूझ रहा था। इस पुष्टभूमि में देश को आगे बढ़ाने में संविधान हमेशा हमारी मदद करता रहा है। लेकिन आज दुनिया के अन्य देशों की तुलना में देखें तो भारत के साथ-साथ आजाद हुए देश आज हमसे काफी आगे हैं। यानी अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। हमें मिलकर लक्ष्य तक पहुंचना है।

उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे संविधान में समावेश पर कितना जोर दिया गया है। लेकिन यह भी सच्चाई रही है कि आजादी के इतने दशकों बाद भी बड़ी संख्या में देश के लोग एक्लुसियन को भोगने के लिए मजबूर रहे हैं। वो करोड़ों लोग जिनके घरों में शौचालय तक नहीं था, वो करोड़ों लोग बिजली के अभाव में अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे, वो करोड़ों लोग जीवन का सबसे बड़ा संघर्ष घर के लिए थोड़ा सा पानी जुटाना था। उनकी तकलीफ, दर्द समझकर खुद को खपा देना मैं संविधान का असली सम्मान मानता हूं। इसीलिए आज मुझे संतोष है कि देश में संविधान की इस मूल भावना के अनुरूप एक्लुसियन को समावेश में बदलने का अभियान बड़ी तेजी से चल रहा है। 

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इसी बीच उन्होंने कहा कि कोरोना काल में पिछले कई महीनों से 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त अनाज सुनिश्चचित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पर सरकार 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च करके गरीबों को मुफ्त अनाज दे रही है। अभी कल ही हमने इस योजना को अगले वर्ष मार्च तक के लिए बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि जब देश का सामान्य मानवी, देश का गरीब विकास की मुख्यधारा से जुड़ता है, जब उसे समान मौके मिलते हैं तो उसकी दुनिया पूरी तरह बदल जाती है। जब रेहड़ी, पटरी वाले भी बैंक क्रेडिट की व्यवस्था से जुड़ता है, तो उसे राष्ट्र निर्माण में भागीदारी का एहसास होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास-सबका प्रयास, ये संविधान की भावना का सबसे सशक्त प्रकटीकरण है। संविधान के लिए समर्पित सरकार, विकास में भेद नहीं करती और ये हमने करके दिखाया है।

यहां सुने पूरा संबोधन:-  

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