Pakistan ने गलती से अपने ही ऊपर फोड़ ली शाहीन-III मिसाइल, तबाह कर लिया परमाणु केंद्र

By अभिनय आकाश | Jul 23, 2025

आपने वो कहावत तो सुनी होगी कि इनसान का वक्त खराब हो तो ऊंट पर बैठे व्यक्ति को भी कुत्ता काट लेता है। यानी कई बार सब प्रकार की सावधानी बरतने पर भी व्यक्ति का अहित हो जाता है। पाकिस्तान के साथ इन दिनों कुछ ऐसा ही हो रहा है। खराब नीयत से वो लगातार अपने पड़ोसी को नुकसान पहुंचाना चाहता है। लेकिन उसे हर बार भारी नुकसान उठाना पड़ता है। अब पाकिस्तान में इस वक्त भारी तबाही मच गई है क्योंकि पाकिस्तान ने इस बार ऐसी ही करतूत अपने देश में कर दी है, जिससे लोगों को जान बचाकर भागना पड़ गया है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान अपनी मिसाइलों का टेस्ट कर रहा था। शाहीन मिसाइल जिसे पाकिस्तान अपनी सबसे बड़ी ताकत मानता है। पाकिस्तान में उसका टेस्ट किया जा रहा था। 

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पाकिस्तान के ऊपर ही फट गई मिसाइल

शाहीन मिसाइल अपना निशाना चूंक गई, अपना रास्ता भटक कर पाकिस्तान के ऊपर ही फट गई। बताया जा रहा है कि ये शाहीन मिसाइल डेरा गाजी खान इलाके में एक परमाणु केंद्र के पास फटी है। जोरदार धमाका हुआ है। ये इलाका बलूचिस्तान में बताया जा रहा है। शाहीन मिसाइल एक आबादी वाले क्षेत्र से 500 किलोमीटर दूर जाकर फटी। दहशत इतनी थी कि लोग घरों से बाहर निकलने से भी डरते नजर आ रहे हैं। बलूचिस्तान के नेताओं की तरफ से मिसाइल के मलबे को दिखाते हुए एक्स पर पोस्ट किया गया है। बताया गया है कि पाकिस्तान कैसे अपनी नाकामियां हर बार दिखाता नजर आ रहा है। सोशल मीडिया से लेकर तमाम प्लेटफॉर्म पर पाकिस्तान की हंसी उड़ाई जा रही है। 

पाकिस्तान की शाहीन-III मिसाइल की ताकत

शाहीन को पाकिस्तान की सबसे ताकतवर मिसाइल माना जाता है। पाकिस्तान की शाहीन-3 उसकी सबसे लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 2,750 किलोमीटर है। ये अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सहित पूरे भारत को निशाना बनाने के लिए पर्याप्त है। ठोस ईंधन वाली यह सड़क-चालित मिसाइल परमाणु या पारंपरिक आयुध ले जा सकती है और इसे तीव्र प्रक्षेपण और उत्तरजीविता के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसकी गति (ध्वनि की गति से 18 गुना तक) और गतिशीलता इसे एक विश्वसनीय निवारक बनाती है, जिससे अवरोधन के प्रयास जटिल हो जाते हैं। शाहीन-3 को पाकिस्तान की MIRV-सक्षम अबाबील मिसाइल से भी पूरित किया गया है, जो मिसाइल सुरक्षा को ध्वस्त करने के लिए कई आयुध तैनात कर सकती है। 

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चीनी माल ने दिया धोखा 

पाकिस्तान ने इसे साल 2000 में चीन की तकनीक की मदद से बनाना शुरू किया था। अब ऐसे में चीनी माल है तो जाहिर सी बात है कि उस पर भरोसा करना पाकिस्तान के लिए घातक हो सकता है और ऐसा हुआ भी। पाकिस्तान इसे अपनी रक्षा रणनीति का हिस्सा मानता है। आपको याद होगा कि पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद कैसे भारत पर शाहीन मिसाइल दागने का दावा किया था। हालांकि भारत ने इसे अपने एयर डिफेंस सिस्टम से मिसाइल को आसमान में ही तबाह कर दिया था। 

पाकिस्तान ने किया शाहीन-III मिसाइल का टेस्ट

22 जुलाई को पाकिस्तान ने डेरा गाज़ी खान के रखशानी क्षेत्र से शाहीन-III मिसाइल का परीक्षण किया। लेकिन बताया जा रहा है कि मिसाइल अपने लक्ष्य से भटक गई और बलूचिस्तान के डेरा बुगती ज़िले के मट क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह घटना मानव बस्तियों से आश्चर्यजनक रूप से केवल 500 मीटर की दूरी पर हुई। मिसाइल का मलबा लूप सेहरानी लेवी स्टेशन के ग्रेपवाइन घाटी में गिरा, जिससे एक ज़ोरदार विस्फोट हुआ। विस्फोट इतना तीव्र था कि बताया गया कि इसकी आवाज़ 20-50 किलोमीटर दूर तक सुनी गई, जिसकी गूंज बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के कुछ हिस्सों तक पहुँची। सोशल मीडिया पर लोगों के डर से भागते हुए वीडियो की भरमार थी। कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि मिसाइल डेरा गाज़ी खान परमाणु संयंत्र पर गिरी, जबकि कुछ का मानना था कि यह किसी दुश्मन के ड्रोन का हमला हो सकता है। 

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घटना को दबाने की कोशिश

इस घटना ने न सिर्फ पाकिस्तान की सैन्य क्षमता पर भी सवाल उठाए बल्कि बलूचिस्तान के लोगों की सुरक्षा को भी खतरे में डाल दिया। 22 जुलाई 2025 को इस हादसे के बाद पाकिस्तानी सेना ने इलाके में इंटरनेट बंद कर दिया। मीडिया को रोका और लोगों को घरों में रहने को कहा। डीजी खान कमिश्नर के प्रतिनिधि मज़हर शिरानी ने इस घटना को दबाने की कोशिश की और कहा कि यह संभवतः किसी लड़ाकू विमान से उत्पन्न ध्वनि विस्फोट था, जिसकी जाँच की जानी चाहिए। जिस शाहीन मिसाइल को लेकर पाकिस्तान इतना फुदकता है वो उस पर ही फट गई। 

डेरा गाज़ी खान में महत्वपूर्ण परमाणु केंद्र

डेरा गाज़ी खान पाकिस्तान के सबसे बड़े परमाणु परिसर का भी स्थल है, जो यूरेनियम भंडारण और प्रसंस्करण के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा है। 1970 के दशक की शुरुआत में, पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग (PAEC) ने यहाँ प्रतिदिन 10,000 पाउंड यूरेनियम प्रसंस्करण क्षमता वाला एक प्रायोगिक संयंत्र बनाया था। यह पाकिस्तान के परमाणु हथियार कार्यक्रम का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। अगर मिसाइल वास्तव में इस परिसर से टकराती, तो परिणाम विनाशकारी हो सकते थे, हालाँकि अधिकारी इस बात पर ज़ोर देते हैं कि कोई नुकसान नहीं हुआ।

पाकिस्तान की मिसाइल फेल होने का इतिहास

यह कोई एक मामला नहीं है। पाकिस्तान में मिसाइल परीक्षणों के असफल होने का एक परेशान करने वाला इतिहास रहा है:

अक्टूबर 2023 (डेरा गाज़ी खान): इससे पहले शाहीन-III का एक परीक्षण भी कथित तौर पर असफल रहा था, जिसके परिणामस्वरूप डेरा गाज़ी खान के पास एक विस्फोट हुआ, जिसकी आवाज़ 30-50 किलोमीटर दूर तक सुनी गई। सरकार ने परमाणु संयंत्र पर हमले की खबरों को ध्वनि विस्फोट बताकर खारिज कर दिया।

जनवरी 2021 (डेरा बुगती): शाहीन-III का एक परीक्षण विफल रहा, जिसमें मिसाइल डेरा बुगती के एक रिहायशी इलाके से टकराई, जिससे घर ध्वस्त हो गए और निवासी घायल हो गए। बलूच रिपब्लिकन पार्टी ने इसे बलूचिस्तान के पाकिस्तानी सैन्य परीक्षण स्थल के रूप में इस्तेमाल होने का सबूत बताते हुए इसकी निंदा की।

2020 (बाबर-II मिसाइल): एक बाबर-II मिसाइल, जिसे ज़मीन और समुद्र से दागा जा सकता है, एक परीक्षण के दौरान बलूचिस्तान में दुर्घटनाग्रस्त हो गई।

2022 (जामशोरो): सिंध प्रांत के जामशोरो में एक रहस्यमयी मिसाइल गिरी, कुछ लोगों ने अनुमान लगाया कि यह भारत की ब्रह्मोस दुर्घटना का बदला लेने का एक असफल प्रयास था।

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