Liaquat Ali Khan Death Anniversary: पाकिस्तान के पहले PM लियाकत अली खान का भारत से था गहरा नाता, गोली मारकर कर दी गई थी हत्या

By अनन्या मिश्रा | Oct 16, 2023

आज यानी की 16 अक्टूबर को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे लियाकत अली खान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बता दें कि प्रधानमंत्री बनने के कुछ ही साल बाद ही लियाकत अली खान की रावलपिंडी में हत्या कर दी गई थी। वह सिर्फ 4 साल, 2 महीने और 2 दिन तक ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह पाए। इसके बाद ख्‍वाजा नजीमुद्दीन पाकिस्तान के दूसरे प्रधानमंत्री बने। लियाकत अली खान एक ऐसे शख्स थे, जो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने से पहले भारत के वित्त मंत्री भी रहे थे। आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर लियाकत अली खान के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...


जन्म और शिक्षा

पंजाब के करनाल में 1 अक्टूबर 1895 को लियाकत अली खान का जन्म हुआ था। शुरूआती शिक्षा पूरी करने के बाद लियाकत अली ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से भी पढ़ाई की थी। छात्र जीवन के दौरान ही वह पाकिस्तान आंदोलन के दौरान मुहम्मद अली जिन्ना के साथ काफी सक्रिय भी रहे। लियाकत अली को इसका फायदा भारत-विभाजन होने पर मिला। पाकिस्तान आंदोलन के दौरान सक्रियता निभाने वाले लियाकत अली खान को पाकिस्तान का पहला प्रधानमंत्री बनाया गया। 

इसे भी पढ़ें: पाकिस्तान में फलस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे इमरान खान के समर्थकों पर पुलिस ने कार्रवाई की

भारत के वित्त मंत्री थे लियाकत

भारत के पूरी तरह आजाद होने से पहले अंग्रेजों के अधीन एक टेम्पररी सरकार बनाई गई थी। इस टेम्पररी सरकार में पं. नेहरु प्रधानमंत्री बने थे। जो भारत के आजाद होने के बाद भी पहले पीएम बने। इस सरकार में लियाक़त अली खान फाइनेंस मिनिस्टर बने थे। सिर्फ इतना ही नहीं उस दौरान लियाकत ने भारत का बजट पेश किया था। हांलाकि उस दौरान भारत और पाकिस्तान अलग नहीं हुए थे। भारत की आजादी से पहले जो अंतरिम सरकार बनाई गई थी, उसमें मुस्लिम लीग के लियाकत अली के पास वित्त विभाग का कार्यभार था।


भारत-पाक का विभाजन

साल 1947 में भारत-पाक का विभाजन हो गया था। जब दोनों देश स्वतंत्र हो गए तो लियाकत अली खान पाकिस्तान के पहले पीएम बने। लियाकत अली खान ने पाकिस्‍तान के पहले प्रधानमंत्री के तौर पर 15 अगस्‍त 1947 को शपथ ली। हांलाकि वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। वह 4 साल, 2 महीने और 2 दिन कर पीएम रहे। इसके अलावा 8 अप्रैल 1950 में लियाकत अली ने भारत-पाक के बीच एक समझौता किया। इस समझौते का खास मकसद दोनों देशों में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुरक्षित करना। साथ ही भविष्य में दोनों देशों के बीच युद्ध की संभावनाओं को खत्म करना शामिल था। लेकिन इस समझौते के कारण कई नेता नाराज हुए थे।


पाक ने किया भारत पर हमला

बता दें कि विभाजन के बाद साल 1948 में पाकिस्तान ने भारत पर पहला हमला किया था। उस दौरान पाकिस्तान के पीएम लियाकत अली खान थे। बताया जाता है कि जिस दौरान पाक की ओर से हमला किया गया, तो लियाकत इस हमले को रोक सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। 


मौत

लियाकत कश्मीर मामले का हल युद्ध से नहीं, बल्कि बातचीत से चाहते थे। इस मसले के हल के लिए उन्होंने सेना के खिलाफ जाकर भारत के पहले पीएम पं. नेहरु से मुलाकात की। उस दौरान लियाकत-नेहरु पैक्ट के नाम से समझौता किया गया। इस समझौते से पाक सेना काफी नाराज हुई और तख्तापलट की कोशिश हुई, लेकिन लियाकत अली खान ने ऐसा नहीं होने दिया। वहीं जिन्ना की मौत के बाद लियाकत अली खान के खिलाफ गुट ताकतवर होने लगा। लियाकत अली एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए16 अक्टूबर 1951 को रावलपिंडी के कंपनी गार्डन पहुंचे थे। वहां पर जैसे ही वह जनता को संबोधित करने के लिए आगे आए, तभी उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।

प्रमुख खबरें

Tamil Nadu: MK Stalin सरकार को झटका, राष्ट्रपति ने VC नियुक्ति पर विधेयक लौटाया

पूर्व सरकारों ने रामनगरी को किया लहूलुहान, लेकिन सनातन से ऊपर कोई नहीं, अयोध्या में बोले सीएम योगी

AIADMK की शक्ति प्रदर्शन: जिला सचिवों संग बैठक, चुनावी रणभूमि में उतरने की तैयारी

सचिन के बेटे Arjun Tendulkar की नई पहचान: सगाई और IPL में LSG से नई शुरुआत