By अभिनय आकाश | Oct 13, 2025
जो कभी दूसरे के घरों को आग लगाने का काम करता था। आज वही पाकिस्तान का घर चारो तरफ से धुंआ-धुंआ हो गया है। पाकिस्तान पर टीटीपी के हमले के बाद अब अफगानिस्तान की तरफ से ऐसा वार हुआ है जिसने पाकिस्तान की जमीन और आसमान दोनों को छीन लिया है। पाकिस्तान पर टीटीपी के हमले के बाद अब अफगानिस्तान ने भी भीषण हमला कर दिया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद ये पाकिस्तान पर दूसरा बड़ा हमला है। अफगानिस्तान ने पाकिस्तान पर आठ जगहों से हमला किया है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा यानी डूरंड लाइन पर अफगानी सेना ने अभी से दीवाली मनानी शुरू कर दी है। अफगानिस्तान ने दावा किया है कि उसने पाकिस्तान के 58 सैनिकों को मार दिया है। पाकिस्तान के तीन सैनिकों को अगवा कर लिया है। जबकि 25 पाकिस्तानी चौकियों पर कब्जा कर लिया गया है। ये पाकिस्तान पर बहुत बड़ा अटैक है।
पाकिस्तान पर अफगानिस्तान के इस भीषण हमले के बाद सऊदी अरब और कतर के भी बयान सामने आए हैं, जिसे सुनकर पाकिस्तान के होश उड़े हुए हैं। कुछ दिन पहले से पाकिस्तान सऊदी अरब और कतर का नाम लेकर हवा में कुछ ज्यादा ही उड़ रहा था। लेकिन अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को जमीन पर पटक दिया है। सबसे दिलचस्प ये है कि सऊदी अरब ने कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के साथ एक डील करते हुए कहा था कि पाकिस्तान पर हमला हम पर भी हमला माना जाएगा। लेकिन अब तो अफगानिस्तान ने पाकिस्तान पर हमला कर दिया है। ऐसे में सऊदी अरब जो बात बोलकर भागा है वो सभी को हैरान कर देगा। अफगानिस्तान की सेना लगातार पाकिस्तान की तरफ बढ़ रही है। ऐसा लग रहा है मानो अब भारत के बाद अफगानिस्तान भी आसिम मुनीर को दूसरा प्रमोशन दिलवा कर रहेगा।
सऊदी अरब और कतर ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर संघर्ष पर चिंता व्यक्त की तथा दोनों पक्षों से संयम बरतने और तनाव कम करने के लिए बातचीत करने का आग्रह किया। सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने 11 दिसंबर को कहा कि सऊदी अरब इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान और अफगानिस्तान राज्य के बीच सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव और झड़पों पर चिंता व्यक्त करता है। कतर के विदेश मंत्रालय ने तनाव बढ़ने और क्षेत्र की सुरक्षा एवं स्थिरता पर इसके संभावित प्रभावों पर चिंता व्यक्त की। इसने दोनों पक्षों से बातचीत, कूटनीति और संयम को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।
पाकिस्तान अफ़ग़ान अधिकारियों पर प्रतिबंधित समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के सदस्यों को पनाह देने का आरोप लगाता है, जिसके बारे में इस्लामाबाद का कहना है कि वह पाकिस्तान के अंदर घातक हमले करता है। काबुल इस आरोप से इनकार करता है और ज़ोर देकर कहता है कि वह अपनी ज़मीन का इस्तेमाल दूसरे देशों के ख़िलाफ़ नहीं होने देगा। टीटीपी, जो एक अलग समूह है, लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा अफ़ग़ान तालिबान का सहयोगी माना जाता है, 2000 के दशक के उत्तरार्ध से पाकिस्तान में हुए कुछ सबसे घातक हमलों के पीछे रहा है।