Pakistan stock market: भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद कराची स्टॉक एक्सचेंज में 6% की गिरावट

By रितिका कमठान | May 07, 2025

पाकिस्तान पर भारत ने सात मई की रात को जबरदस्त हमला किया है। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी स्थलों पर रातोंरात हमला किया है। इस हमले का असर बुधवार को पाकिस्तान के शेयर बाजार में भी देखने को मिला है। पाकिस्तान के शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई है।

 

पाकिस्तान के मुख्य शेयर बाजार सूचकांक कराची-100 में बुधवार को शुरुआती कारोबार के दौरान 6,272 अंकों की गिरावट आई जो लगभग 6 प्रतिशत है। इससे पहले मंगलवार को पाकिस्तान का शेयर बाजार 113,568.51 के बंद स्तर की तुलना में 107,296.64 के निचले स्तर पर पहुंच गया। बता दें कि पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमले के बाद केएसई-100 सूचकांक में 3.7 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। वहीं इस घटना के बाद घरेलू सेंसेक्स सूचकांक में लगभग 1.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

 

आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति लगातार बढ़ रही थी। इसका नकारात्मक प्रभाव पाकिस्तान के शेयर बाजार पर भी पड़ा है। जानकारी के मुताबिक 23 अप्रैल से 5 मई के बीच कराची स्टॉक एक्सचेंज के बेंचमार्क KSE-100 सूचकांक में 3.7% की गिरावट आई है। ये संभावित सैन्य संघर्ष की आशंकाओं का असर बताया गया है।

 

ऐसा रहा भारतीय स्टॉक मार्केट का हाल

इस बीच, भारत और पाकिस्तान के बीच नए सिरे से तनाव के बावजूद भारतीय शेयर बाजार में नर्मी देखी गई है। हालांकि, शुरुआत में सेंसेक्स 692 अंक गिरकर 79,948.80 पर आ गया, जबकि पिछला बंद स्तर 80,641.07 था, लेकिन जल्द ही इसमें सुधार हुआ और यह 200 अंक से अधिक की बढ़त के साथ 80,845 पर पहुंच गया। बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहा और सुबह 10 बजे तक सेंसेक्स 32 अंक या 0.04% की गिरावट के साथ 80,609 पर पहुंच गया। वहीं, निफ्टी 50 19 अंक या 0.08% की गिरावट के साथ 24,361 पर पहुंच गया।

 

"ऑपरेशन सिंदूर के तहत चल रहे भारत-पाक गतिरोध जैसे भू-राजनीतिक तनाव से तत्काल बाजार में अस्थिरता पैदा होती है, जैसा कि हाल ही में निफ्टी और सेंसेक्स में 0.6-0.8% की गिरावट के साथ देखा गया है। हालाँकि, लंबी अवधि में बाजार लगातार उबरता रहा है। कारगिल युद्ध के बाद, एक साल के भीतर सेंसेक्स में 63% की वृद्धि हुई। संसद पर हमले के बाद, अगले साल इसमें 20% से अधिक की वृद्धि हुई। मुंबई हमलों के बाद 12 महीनों के भीतर इसमें 60% की वृद्धि हुई और बालाकोट के बाद वर्ष के अंत तक इसमें 15% की वृद्धि हुई।

 

हालांकि अल्पावधि में सावधानी बरतना उचित है, लेकिन इतिहास बताता है कि स्पष्टता आने पर भारतीय बाजार मजबूत लचीलापन प्रदर्शित करते हैं। जब तक व्यापक आर्थिक या वैश्विक झटके न हों, भारत-पाक तनाव का कोई स्थायी नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। स्मार्टवेल्थ.एआई के स्मॉलकेस मैनेजर तथा संस्थापक एवं प्रमुख शोधकर्ता पंकज सिंह ने कहा, "निवेशकों को डर पर नहीं, बल्कि बुनियादी बातों पर ध्यान देना चाहिए।"

प्रमुख खबरें

Tamil Nadu: MK Stalin सरकार को झटका, राष्ट्रपति ने VC नियुक्ति पर विधेयक लौटाया

पूर्व सरकारों ने रामनगरी को किया लहूलुहान, लेकिन सनातन से ऊपर कोई नहीं, अयोध्या में बोले सीएम योगी

AIADMK की शक्ति प्रदर्शन: जिला सचिवों संग बैठक, चुनावी रणभूमि में उतरने की तैयारी

सचिन के बेटे Arjun Tendulkar की नई पहचान: सगाई और IPL में LSG से नई शुरुआत