By अभिनय आकाश | Nov 18, 2025
ऑपरेशन सिंदूर के छह महीने बाद भी नई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि इस्लामाबाद अभी भी नुकसान की भरपाई के लिए काम कर रहा है। ओएसआईएनटी विश्लेषक डेमियन साइमन ने इसकी पुष्टि की है। डेमियन साइमन ही वह रिसर्चर हैं जिन्होंने पहली बार रिपोर्ट दी थी कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किराना हिल्स में परमाणु हथियार भंडारण स्थल को निशाना बनाया था। साइमन के हालिया एक्स पोस्ट के अनुसार, सैटेलाइट इमेज से पता चला है कि पाकिस्तान ने रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस पर एक नई सुविधा पर काम शुरू कर दिया है, जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना द्वारा लक्षित स्थानों में से एक था। साइमन ने 16 नवंबर को पोस्ट किया कि ऐसा प्रतीत होता है कि पाकिस्तान ने नूर खान एयरबेस पर एक नई सुविधा का निर्माण किया है जिसे मई 2025 के युद्ध के दौरान भारत द्वारा निशाना बनाया गया था।
सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि उत्तरी सिंध के जैकोबाबाद एयरबेस पर भारतीय हमलों से प्रभावित हुए हैंगर की मरम्मत अभी भी चल रही है और उसकी छत को तोड़ा जा रहा है। साइमन ने यह भी दावा किया कि पूर्ण पुनर्निर्माण शुरू होने से पहले आंतरिक क्षति का आकलन करने के लिए ऐसा किया गया होगा। उन्होंने 15 नवंबर को लिखा कि पिछले कुछ महीनों की तस्वीरों से पता चलता है कि मई 2025 के संघर्ष के दौरान पाकिस्तान के जैकोबाबाद एयरबेस पर भारत द्वारा निशाना बनाए गए हैंगर की छत को चरणों में तोड़ा गया है - संभवतः इसलिए क्योंकि संरचना की मरम्मत से पहले आंतरिक क्षति की जाँच जारी है। उनकी पोस्ट पर नवीनतम दृश्यों से पता चलता है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के कई प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया था, जो अभी भी पूरी तरह से बहाल नहीं हुए हैं।
गौरतलब है कि भारत ने मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जो देश के अंदरूनी इलाकों में स्थित प्रमुख पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने वाला एक समन्वित सैन्य अभियान था। उच्च परिशुद्धता के साथ योजनाबद्ध और क्रियान्वित इस अभियान में पाकिस्तान की वायु शक्ति और सामरिक संपत्तियों से जुड़े ठिकानों पर लंबी दूरी के हमले शामिल थे। ऑपरेशन सिंदूर के तहत रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस और सिंध के जैकोबाबाद एयरबेस जैसे महत्वपूर्ण एयरबेसों पर कई हमले किए गए, जिससे हैंगर और सहायक बुनियादी ढाँचे को भारी नुकसान पहुँचा।