Hashim Musa के मारे जाने से Pakistani Army और Shehbaz Sharif सदमे में, आतंकी आका भी बौखलाए

By नीरज कुमार दुबे | Jul 29, 2025

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के मुख्य साजिशकर्ता और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के शीर्ष कमांडर हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान शाह को सुरक्षा बलों ने सोमवार को मार गिराया। यह खबर सुनने के बाद से पाकिस्तान सरकार और पाकिस्तानी सेना के होश उड़े हुए हैं। सोशल मीडिया पर इस तरह की खबरें चल रही हैं कि पाकिस्तानी हुक्मरानों के बीच मातम छाया हुआ है क्योंकि जिस मूसा को इतना प्रशिक्षण देकर कश्मीर भेजा था आतंक फैलाने के लिए उसको भारतीय सुरक्षा बलों ने जहन्नुम में भेज दिया है। हम आपको बता दें कि मूसा उस समय अपने छिपे हुए ठिकाने में आराम कर रहा था, जब संयुक्त अभियान दल ने उस पर घेरा डाला और उसे उसके साथियों के साथ ठोक डाला। हम आपको बता दें कि मूसा वही आतंकी था जिसने पहलगाम में हिंदू पुरुषों को उनके रोते-बिलखते परिवारों के सामने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था। मूसा इससे पहले सोनमर्ग हाईवे पर एक सुरंग के श्रमिकों पर हमले में भी शामिल था, जिसमें 7 निर्दोष लोगों की जान गई थी। उसकी यह गतिविधियाँ यह स्पष्ट करती हैं कि वह जम्मू-कश्मीर में भय और अस्थिरता फैलाने के लिए लगातार घातक हमलों की योजना बनाता रहा था।


जहां तक ऑपरेशन महादेव की बात है तो उसके अंतर्गत भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में मूसा समेत तीन आतंकियों को श्रीनगर के दाचीगाम क्षेत्र (माउंट महादेव के पास) में मार गिराया गया। यह वही क्षेत्र था जहाँ से मूसा कई महीनों से सक्रिय था। सुरक्षा सूत्रों ने पुष्टि की है कि हाशिम मूसा पाकिस्तानी सेना की स्पेशल सर्विसेज ग्रुप (SSG) का पूर्व सैनिक था। यह इकाई असामान्य युद्ध, पहाड़ी लड़ाई, गुप्त हमले और उच्च स्तरीय बचाव तकनीकों के लिए जानी जाती है। मूसा को पारा-कमांडो स्तर का प्रशिक्षण मिला था, जिसने उसे जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को प्रभावी ढंग से संचालित करने की क्षमता दी।

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सूत्रों का कहना है कि मूसा बीते वर्ष कठुआ और सांबा सेक्टर के रास्ते भारत में घुसपैठ करके आया था। इसके बाद उसने राजौरी-पुंछ के डीरा की गली क्षेत्र को अपना आधार बनाया। यहीं से उसने सुरक्षा बलों पर हमलों की साजिशें रचीं और अपने लश्कर मॉड्यूल को सक्रिय रखा। हम आपको बता दें कि लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन पाकिस्तानी विशेष बलों से प्रशिक्षित आतंकियों का उपयोग करते हैं ताकि जम्मू-कश्मीर में भय का वातावरण बनाया जा सके। मूसा का ऑपरेशनल पैटर्न—पहाड़ी इलाकों का उपयोग, स्थानीय नेटवर्क को मजबूत करना और उच्चस्तरीय हथियारों का इस्तेमाल—पाकिस्तानी SSG की रणनीति को दर्शाता है।


इसके अलावा, मूसा ने पाकिस्तान से मिले सैन्य प्रशिक्षण और हथियारों को स्थानीय मददगारों के साथ जोड़कर कश्मीर में घातक मॉड्यूल तैयार किया। उसकी पृष्ठभूमि और घुसपैठ की विधि इस बात का प्रमाण है कि आतंकी संगठनों को पाकिस्तान से प्रत्यक्ष सहायता मिलती है। लेकिन ऑपरेशन महादेव न केवल मूसा जैसे खूंखार आतंकी को खत्म करने में सफल रहा, बल्कि इसने आतंक के बुनियादी ढांचे को भी करारा झटका दिया।


देखा जाये तो हाशिम मूसा की मौत आतंकवाद के खिलाफ भारत की एक बड़ी जीत है, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी नेटवर्क अभी भी सक्रिय हैं। इसलिए जरूरी है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इस प्रकार के विदेशी प्रशिक्षित मॉड्यूल को समय रहते निष्क्रिय करने के लिए अपनी तकनीकी और मानवीय खुफिया क्षमताओं को और सुदृढ़ करें। हम आपको यह भी बता दें कि भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बताया है कि आतंकियों के पास पाकिस्तानी वोटर ID कार्ड, पाक निर्मित चॉकलेट्स और अन्य पाक सामग्री बरामद की गई है जिनसे उनकी पाकिस्तानी नागरिकता की पुष्टि हुई है। इससे यह सिद्ध हो गया है कि ये आतंकवादी पाकिस्तान की ओर से योजनाबद्ध थे।

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