China-US के बीच फिर से शुरू होगी पांडा डिप्लोमेसी, प्यारा सा दिखने वाला जानवर पिघलाएगा रिश्तों में जमी बर्फ

By अभिनय आकाश | May 02, 2024

यूक्रेन में रूस के युद्ध, सस्ते चीनी निर्यात, ताइवान के साथ तनाव और मानवाधिकार के मामलों को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनातनी की खबरें हमेशा आती रहती हैं। लेकिन जब पांडा की बात आती है, तो कूटनीति अपने आप केंद्र में चली आती है। चीन के विदेश मंत्रालय ने इस सप्ताह पुष्टि की कि दो विशाल पांडा युन चुआन और शिन बाओ को चीन संरक्षण और अनुसंधान केंद्र से सैन डिएगो चिड़ियाघर भेजा जाएगा। चिड़ियाघर की चीन और पांडा संरक्षण अनुसंधान संरक्षण अनुसंधान के साथ दीर्घकालिक साझेदारी है। 

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि चीन-अमेरिका के इस क्षेत्र में सहयोग गहरा होगा, यह लुप्तप्राय वन्यजीवों और जैव विविधता संरक्षण पर सहयोग और अनुसंधान की क्षमता को बढ़ाएगा। हालांकि अभी ये स्पष्ट नहीं है कि नए पांडा कब आएंगे, लेकिन समझौते से इस बात की संभावना कम हो गई है कि संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बीच हालिया तनाव से पांडा कूटनीति की प्रिय परंपरा को खतरा होगा।

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गौरतलब है कि 1972 में जब निक्सन और माओ की मुलाकात के बाद पांडा डिप्लोमेसी शुरू हुई तो न्यूयॉर्क टाइम्स ने इसे नम्रता से लड़ी जाने वाली जंग यानी पोलाइट वॉरफेयर कहा था। चीन ये जानवर अमेरिका और दूसरे देशों को सालान किराए पर देता है। चीन ने साल 1941 से लेकर 1984 तक दूसरे देशों को पांडा गिफ्ट किए। लेकिन 1984 के बाद इस नीति में बदलाव करते हुए वो दूसरे देशों में आने वाले पांडा पर ट्रैक्स लगाना शुरू कर दिया। चीन जिन देशों को पांडा देता है उन्हें हर साल चीन को 1 पांडा के बदले 1 मिलियम की राशि देनी पड़ती है। संरक्षण परियोजनाओं की तरफ से दिए जाते हैं। पिछले साल फरवरी में रिपल्बिकन पार्टी की सांसद नैंसी मेस ने एक बिल पेश किया था। इसमें पांडा डिप्लोमेसी पर दोबारा विचार करने की बा कही गई थी। उनका कहना था कि पांडा डिप्लोमेसी को खत्म करना चाहिए, क्योंकि इसके जरिए चीन अपनी करतूतों को छिपाने की कोशिश करता है। पिछले कई सालों में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा अपने अधिकांश पांडा चीन को लौटा रहा है जिसके चलते कई प्रशंसकों को यह चिंता थी कि यह प्रथा समाप्त हो सकती है।

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