Jinping से भीख में मिला मून मिशन का फ्री टिकट, चांद पर कैसे पहुंच गया पाकिस्तान?

Pakistan
Prabhasakshi
अभिनय आकाश । May 2 2024 12:30PM

चीन ने अपने रॉकेट पर फ्री में पाकिस्तानी सैटेलाइट को ले जाने की इजाजत दे दी। इसके बाद पाकिस्तान ने सैटेलाइट से संपर्क करने के लिए चीन का ही कंट्रोल सिस्टम इस्तेमाल करने की इजाजत मांगी। इतनी कोशिशों के बाद अगर चीन का मून मिशन सफल हो गया तो पाकिस्तानी गर्व से कहेंगे कि उन्होंने अपने भीख और मदद के सहारे चांद को जीत लिया है।

भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान अब वो करने जा रहा है जो अब तक धरती के किसी देश ने नहीं किया है। इस्लामाबाद के खैरात वाले मून मिशन को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है। चीन के सामने हाथ फैलाकर चंद्रमा के मिशन में शामिल होने की बात सामने आई है। चीन चंद्रमा की परिक्रमा के लिए चांग'ई-6 मिशन शुरू करने के लिए तैयार है। अंतरिक्ष यान दक्षिणी प्रांत हैनान में लॉन्च पैड पर है और सभी संबंधित प्रणालियों को कवर करते हुए लॉन्च के लिए अंतिम रिहर्सल पूरी कर ली है। लेकिन झोली फैलाकर मिले मदद के साथ पाकिस्तान इस मिशन के जरिए चांद पर पहुंचेगा। आज तक कोई देश भीख के सहारे चांद पर नहीं पहुंचा है। लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ये कारनामा करके दिखा दिया है। पाकिस्तान ने सबसे पहले हाथ फैलाकर सैटेलाइट बनाने के लिए चीन से मदद मांगी। जब सैटेलाइट बन गया तो पाकिस्तान ने पैर पकड़कर सैटेलाइट को चांद की कक्षा में भेजने के लिए फिर मदद मांगी।

इसे भी पढ़ें: Southern China में राजमार्ग ढहने से कम से कम 36 लोगों की मौत

चीन ने अपने रॉकेट पर फ्री में पाकिस्तानी सैटेलाइट को ले जाने की इजाजत दे दी। इसके बाद पाकिस्तान ने सैटेलाइट से संपर्क करने के लिए चीन का ही कंट्रोल सिस्टम इस्तेमाल करने की इजाजत मांगी। इतनी कोशिशों के बाद अगर चीन का मून मिशन सफल हो गया तो पाकिस्तानी गर्व से कहेंगे कि उन्होंने अपने भीख और मदद के सहारे चांद को जीत लिया है। दुनिया में कोई भी देश ऐसा नहीं कर पाया है। ये अपने आप में अनोखा रिकॉर्ड होगा। चांग'ई-6 मिशन चीन के अंतरिक्ष प्रयासों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इसका उद्देश्य चंद्रमा के सुदूर हिस्से से मिट्टी और चट्टान के नमूने इकट्ठा करना है, एक ऐसा क्षेत्र जो पृथ्वी के दृश्य से स्थायी रूप से छिपा हुआ है। 

इसे भी पढ़ें: China ने दक्षिण चीन सागर में तनाव के बीच तीसरे विमानवाहक पोत का समुद्री परीक्षण शुरू किया

पाकिस्तान के प्रोजेक्ट डायरेक्टर की बातों का मतलब समझें तो रॉकेट चीन का और मिशन भी चीन की स्पेस एजेंसी का है। इसमें सैटेलाइज भेजने के लिए पाकिस्तान ने एक पैसे भी नहीं दिए हैं। चीन ने क्यूब सेट बनाने की अनुमति दी है। ये छोटे साइज के सैटेलाइट होते हैं। जिन्हें दुनियाभर के कॉलेज में स्कूल और कॉलेज के स्टूडेंट बनाते हैं। हालांकि पाकिस्तान को ऐसा नन्हा सा सैटेलाइट बनाने में भी 77 साल लग गए।  आपको याद होगा कि अगस्त 2023 में चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंडिंग करने वाला भारत पहला देश बन गया है। भारत की कामयाबी देखकर पाकिस्तान ने भी कटोरे के सहारे चांद पर जाने की तैयारी की है।  

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़