Parliament Diary: थल सेना में भर्ती रोके जाने की खबरों पर मोदी सरकार का स्पष्टीकरण

By नीरज कुमार दुबे | Mar 21, 2022

सरकार ने सोमवार को संसद में कहा कि कोविड महामारी के कारण 2020 और 2021 में भारतीय थल सेना में भर्ती प्रक्रिया स्थगित हुयी और इस पर कोई रोक नहीं लगायी गयी है। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी का प्रकोप कम हुआ है लेकिन यह अभी समाप्त नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के चलते पिछले दो वर्षों में थल सेना में भर्ती रैलियों का आयोजन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि ऐसी भर्ती रैलियों में बड़ी संख्या में उम्मीदवार जुटते हैं, इसलिए ऐसी भर्ती रैलियों को स्थगित कर दिया गया ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि इस दौरान वायु सेना और नौसेना में ऑनलाइन भर्ती प्रक्रिया जारी रही और कर्मियों की भर्ती की गयी है।

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रक्षा बलों में भर्ती के संबंध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि कोविड महामारी के कारण थल सेना में भर्ती प्रक्रिया निलंबित कर दी गयी। उन्होंने कहा कि 2018-19 और 2019-20 में भारतीय थल सेना में क्रमश: 53,431 और 80,572 भर्तियां की गयीं। राजनाथ सिंह ने बताया कि 2020-21 और 2021-22 में भारतीय नौसेना में क्रमश: 2,772 और 5,547 कर्मियों की भर्ती की गयी। इसी प्रकार वायुसेना में 2020-21 और 2021-22 में क्रमश: 8,423 और 4,609 कर्मियों की भर्ती की गयी।


गडकरी की तारीफ


इसके अलावा आज लोकसभा में सड़क परिवहन मंत्रालय की बजट मांगों पर चर्चा के दौरान विभिन्न सांसदों ने अपनी बात रखी। खास बात यह रही कि चर्चा के दौरान एआईएमआईएम के इम्तियाज जलील ने भी सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के नेतृत्व में देश में सड़कों के क्षेत्र में हुए काम की तारीफ करते हुए कहा कि राजनीति और आलोचना अपनी जगह है लेकिन भाजपा का कोई कट्टर विरोधी भी होगा तो देश में सड़कों और राजमार्गों के विकास को देखकर गडकरी की तारीफ करेगा।


सिंधिया का बयान


दूसरी ओर छोटे और बड़े शहरों को हवाई मार्ग से जोड़ने की सरकार की मंशा स्पष्ट करते हुए हुए नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को संसद में कहा कि देश के कई प्रमुख हवाई अड्डों का विस्तार किया जा रहा है और इसके तहत नयी दिल्ली हवाई अड्डे की क्षमता मौजूदा सात करोड़ यात्रियों से बढ़ाकर 10 करोड़ यात्री की जाएगी। सिंधिया ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी।

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कोयले की रॉयल्टी नहीं बढ़ेगी


वहीं सरकार ने सोमवार को संसद में स्पष्ट किया कि कोयले पर रॉयल्टी बढ़ाने का कोई प्रस्ताव उसके विचाराधीन नहीं है। कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। कोयले पर रॉयल्टी की पिछली दर 10 मई 2012 को संशोधित की गई थी। मंत्री ने कहा कि कोयले और लिग्नाइट पर रॉयल्टी दरों के संशोधन के मुद्दे पर विचार के लिए 21 जुलाई 2014 को एक अध्ययन समूह का गठन किया गया था। जोशी ने कहा कि अध्ययन समूह ने 10 मई 2012 को अधिसूचित दरों से कोयले पर रॉयल्टी की दरों में कोई बदलाव नहीं करने का सुझाव दिया था। उन्होंने कहा कि अध्ययन समूह के सुझाव को सरकार ने स्वीकार कर लिया था। उन्होंने कहा कि रॉयल्टी की दर को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने की ओडिशा राज्य की मांग पर 28 फरवरी 2020 को भुवनेश्वर में आयोजित ‘ईस्टर्न जोनल काउंसिल’ की बैठक के दौरान चर्चा की गई थी। लेकिन विचार-विमर्श के बाद इस मुद्दे को बंद किए जाने का निर्णय लिया गया।


केंद्रीय विद्यालय कोटे का सवाल


इसके अलावा लोकसभा में सोमवार को कई सदस्यों ने केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश के संबंध में प्रत्येक सांसद को दिये गए 10 सीटों के कोटे का विषय उठाया और कुछ सांसदों ने मांग की कि कोटे की संख्या को बढ़ाया जाए अन्यथा इसे पूरी तरह समाप्त कर दिया जाए। हम आपको बता दें कि प्रत्येक सांसद को उसके निर्वाचन क्षेत्र में स्थित केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश के लिए 10 सीटों का कोटा मिलता है जिसमें उसकी सिफारिश पर क्षेत्र के किसी विद्यार्थी का इन विद्यालय में दाखिल हो सकता है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि इस विषय पर सभी दलों के नेताओं से मंत्री बात करेंगे और फिर कोई अंतिम निर्णय किया जायेगा। निचले सदन में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के मनीष तिवारी, के सुरेश, तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा सहित कुछ अन्य सदस्यों ने इस विषय को उठाया।


उफ ये गर्मी


इसके अलावा राज्यसभा में सोमवार को सदस्यों ने मार्च महीने से ही गर्मी का प्रकोप शुरू होने, कोविड-19 रोधी टीकों की एहतियाती खुराक को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश ना होने और ऑनलाइन खेलों के बढ़ते प्रचलन पर चिंता जताई और सरकार से इन विषयों को लेकर आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया। शून्यकाल में भाजपा के विकास महात्मे ने भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा कुछ राज्यों में लू को लेकर जारी की गई चेतावनी का उल्लेख करते हुए कहा कि मार्च के महीने में ही लोग प्रचंड गर्मी का प्रकोप झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे गरीब और किसान सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ चेतावनी जारी करना ही काफी नहीं है। सरकार को चाहिए कि वह राज्यों को एक दिशा-निर्देश जारी करे कि उन्हें बचाव के लिए क्या-क्या उपाय करने चाहिए। सरकार को सभी राज्यों के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया भी जारी करनी चाहिए।’’ सभापमि एम. वेंकैया नायडू ने भी मौसम में अचानक आए इस बदलाव पर चिंता जताई और कहा कि यह एक गंभीर मामला है। उन्होंने कहा, ‘‘मार्च में इतनी गर्मी है तो आगे क्या होगा?’’ उन्होंने राज्यसभा में भाजपा के उपनेता मुख्तार अब्बास नकवी से कहा कि सरकार को इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने चाहिए।


शिवसेना की माँग


शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए कोविड-19 रोधी टीकों की एहतियाती खुराक लेने को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश ना होने पर चिंता जताई और कहा कि सरकार ने इस बारे में अभी तक कोई नीति निर्धारित नहीं की है। उन्होंने कहा, ‘‘इसके अभाव में विदेश जाने वाले भारतीयों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।’’ उन्होंने कहा कि कई यूरोपीय देशों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और ऐसे में भारत में ‘‘बूस्टर खुराक’’ को लेकर एक नीति होनी चाहिए।

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