Parliament Diary। संसद में हंगामे के बीच पास हुए कई बिल, हेलीकॉप्टर क्रैश पर बयान देंगे राजनाथ सिंह

By अनुराग गुप्ता | Dec 08, 2021

संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। ऐसे में विपक्ष के शोर-शराबे के बीच में कई महत्वपूर्ण बिलों को सदन ने मंजूरी दी है। विपक्ष लगातार सांसदों के निलंबन का मुद्दा उठा रहा है और आज समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव भी महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन करते हुए दिखाई दिए। आज एक ऐसी घटना भी हुई जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया। दरअसल, तमिलनाडु के कुन्नूर में भारतीय वायुसेना का Mi17 हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। इसमें सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत 14 लोग सवार थे। शुरुआती जानकारी के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सदन को इस क्रैश की जानकारी सदन को देंगे।

Mi17 हेलीकॉप्टर क्रैश

भारतीय वायुसेना का Mi17 हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर में क्रैश हो गया। इस हेलीकॉप्टर में सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत 14 लोग सवार थे। आपको बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को इस क्रैश की जानकारी सदन को देंगे। इससे पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सारी जानकारी साझा की है।

लोकसभा की कार्यवाही

लोकसभा ने उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय (वेतन एवं सेवा शर्त) संशोधन विधेयक 2021 को मंजूरी दे दी। विधि एवं न्याय मंत्री किरण रिजीजू ने कहा कि कानून में छोटा सा संशोधन करने के लिए विधेयक लाया गया है और इस पर कोई विवाद नहीं करके सर्व सम्मति से पारित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम न्यायाधीश के वेतन, पेंशन या अन्य सुविधाओं को कम नहीं कर रहे हैं बल्कि कुछ विसंगतियों को दूर कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साइबर अपराधों से निपटने के लिए सख्त नियमन की जरूरत को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म के संबंध में सख्त मानदंड बनाने के लिए व्यापक चर्चा एवं आम सहमति बनाए जाने की जरूरत है। ताकि ऐसे फिल्मों और धारावाहिकों के प्रसारण को नियंत्रित किया जा सके जो समाज एवं विभिन्न धर्मो में बैमनस्य पैदा करते हैं। उन्होंने लोकसभा में कुछ सदस्यों के प्रश्नों का जवाब देते हुए अश्विनी वैष्णव ने यह बात कही।

लोकसभा में सीमा सुरक्षा बल का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने का मामला भी उठा। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि पंजाब में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 50 किमी तक बढ़ाए जाने संबंधी अधिसूचना वापस लिया जाए क्योंकि यह देश के संघीय ढांचे पर हमला है। उन्होंने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया। पंजाब के आनंदपुर साहिब से लोकसभा सदस्य तिवारी ने कहा कि 11 अक्टूबर, 2021 को केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी की थी। यह बीएसएफ से संबंधित कानून के विरूद्ध है। पंजाब भौगोलिक दृष्टि से एक छोटा राज्य है। ऐसे में हम जब 50 किमी की बात करते हैं तो फिर आधा पंजाब इसके दायरे में आ जाता है।

NIA ने की 103 मामलों की जांच

सरकार ने संसद में बताया कि एनआईए ने आतंकवाद के वित्तपोषण से जुड़े 103 मामलों की जांच की जिनमें से 92.5 फीसदी मामलों में दोषसिद्धि हुई। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में पूरक सवालों का जवाब देते हुए कहा कि एनआईए ने 103 मामलों की जांच की जिनमें 868 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए गए और 795 लोग गिरफ्तार किए गए। उन्होंने ने बताया कि इनमें से 97 लोगों के खिलाफ आरोप सिद्ध हुए।

राज्यसभा की कार्यवाही

राज्यसभा के 12 सदस्यों का निलंबन रद्द करने की मांग को लेकर उच्च सदन में एक बार फिर कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा किया। जिसकी वजह से सदन सुचारू ढंग से नहीं चल पाया। इसके अलावा कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा समेत कुछ अन्य सदस्यों ने नियम 267 के तहत नोटिस दिया है। जिन्हें सभापति एम वेंकैया नायडू ने स्वीकार नहीं किया। इस पर सदन में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा कि हुड्डा ने जो नोटिस दिया है वह किसानों के मुद्दों से संबंधित है और आसन ने आश्वासन दिया था कि नियमों के तहत यदि इस मुद्दे को उठाया जाएगा तो चर्चा कराई जाएगी।

इसके अलावा राज्यसभा में नगा पीपल्स फ्रंट के सदस्य केजी केन्ये ने सुरक्षाकर्मियों की गोलीबारी में मारे गए 14 नागरिकों को मुद्दा उठाते हुए सरकार से सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून को वापस लिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि कि जब सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून लाया गया था तब इसके विभिन्न पहलुओं पर इसी सदन में गहन चर्चा हुई थी और चर्चा में भाग लेने वाले सदस्य देश के अलग-अलग हिस्सों के थे। उन्होंने कहा कि तब कई सदस्यों ने इस कानून का नागरिकों के खिलाफ दुरूपयोग किए जाने की आशंका जताई थी और कहा था कि इसके गंभीर परिणाम होंगे।

राज्यसभा ने जननीय प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक और सरोगेसी (विनियमन) विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने दोनों विधेयकों पर साथ-साथ हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि देश में ऐसे कई क्लीनिक चल रहे हैं जो कृत्रिम गर्भाधान (IVF) सहित सहायक प्रजनन तकनीक का उपयोग कर रहे हैं और इनके लिए कोई नियमन नहीं है और अगर इसका नियमन नहीं किया गया तब यह उद्योग का रूप ले सकता है।

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