पार्थ पवार पर दलितों की 'महार वतन' जमीन हड़पने का आरोप, पुणे सौदे पर सियासी बवाल, तहसीलदार का 'अवैध' बेदखली नोटिस

By रेनू तिवारी | Nov 10, 2025

पिछले हफ़्ते उपमुख्यमंत्री अजित पवार के परिवार में उनके बेटे की कंपनी द्वारा किए गए एक ज़मीन सौदे को लेकर राजनीतिक विवाद छिड़ गया, जिससे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) कानूनी पचड़े में पड़ गई और महाराष्ट्र में उसकी सहयोगी भाजपा के साथ भी मतभेद हो गए।

इस विवाद के केंद्र में पुणे की सरकारी ज़मीन दलितों के लिए आरक्षित है, जिसके चलते पार्थ पवार की अमाडिया होल्डिंग्स एलएलपी पर "ज़मीन चोरी" का आरोप लगा। एक और आरोप सौदे के तुरंत बाद स्टाम्प शुल्क माफ़ी का था, जिससे उन्हें करोड़ों की बचत हुई और यह आरोप भी लगे कि मंत्री का बेटा होने के कारण उन्हें अनुचित लाभ मिला।

विपक्ष द्वारा इसे राष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश के बीच, भाजपा ने मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया और जाँच शुरू कर दी। इस मामले में घिरे अजित पवार ने सार्वजनिक रूप से अपनी किसी भी भूमिका से इनकार किया। उन्होंने कहा कि उनके बेटे को कानूनी पहलुओं की जानकारी नहीं थी और इस बात की पुष्टि की कि अब यह सौदा रद्द कर दिया गया है।

इसके अलावा ताजा अपडेट के अनुसार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ से जुड़ी एक कंपनी के विवादास्पद भूमि सौदे के मामले में निलंबित तहसीलदार ने लंबे समय से किरायेदार रहे भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (बीएसआई) से जमीन खाली करने को कहा था। बीएसआई को बेदखली नोटिस में, तत्कालीन तहसीलदार सूर्यकांत येओले ने केंद्रीय संगठन को सूचित किया था कि कंपनी, अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी ने ‘‘कानूनी रूप से’’ संपत्ति हासिल की है।

पुणे के कलेक्टर जितेंद्र डूडी ने कहा कि यह नोटिस ‘‘अवैध’’ है। पुणे के पॉश मुंधवा इलाके में 40 एकड़ जमीन 300 करोड़ रुपये में एक कंपनी को बिक्री की गई, जिसमें अजित पवार के बेटे पार्थ पवार के पास सबसे अधिक हिस्सेदारी है। इस सौदे को लेकर अनियमितताओं और जरूरी मंजूरी नहीं होने के आरोप लगे हैं। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि जमीन का बाजार मूल्य 1,800 करोड़ रुपये था।

‘पीटीआई-भाषा’ द्वारा प्राप्त आधिकारिक दस्तावेजों की प्रतियों के अनुसार, 40 एकड़ की ‘महार वतन’ भूमि, जो महार (अनुसूचित जाति) समुदाय की वंशानुगत भूमि है, का विक्रय विलेख इस वर्ष 20 मई को अमाडिया एंटरप्राइजेज द्वारा निष्पादित किया गया था। छह दिन बाद, कंपनी ने येओले से भूमि खाली कराने का अनुरोध किया। नौ जून को, येओले ने बीएसआई के संयुक्त निदेशक को पत्र लिखकर समझौते के एक खंड का हवाला देते हुए कहा कि उनका पट्टा समाप्त हो गया है।

प्रमुख खबरें

PCOD में हार्मोनल असंतुलन? इन सुपरफूड्स से पाएं राहत, जानें क्या है डाइट में बदलाव

लंबी अटकलों पर विराम, Smriti Mandhana ने मंगेतर Palash Muchhal संग शादी कैंसिल की

Overnight Beauty Hacks: सोने से पहले अपनाएं ये ब्यूटी हैबिट्स, दमकने लगेगी आपकी स्किन

Health Tips: पसंदीदा खाना भी खाएं और बिंज ईटिंग भी रोकें, जानें स्मार्ट तरीका