By दिव्यांशी भदौरिया | Dec 28, 2025
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का महत्व अधिक माना जाता है। पौष माह में साल 2025 की आखिरी एकादशी इस बार 30 दिसंबर को मनाई जाएगी। वैदिक पंचांग के अनुसार वर्ष 2025 की अंतिम एकादशी पौष पुत्रदा एकादशी 30 दिसंबर को मनाई जाएगी। इस पावन तिथि पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा का महत्व है। श्रद्धालु इस दिन नियमपूर्वक व्रत रखकर पूजा-अर्चना करते हैं और सुख-समृद्धि व संतान सुख की कामना करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी व्रत करने से साधक को जीवन के दुखों से मुक्ति मिलती है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। एकादशी व्रत का पारण अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर किया जाता है। आइए आपको बताते हैं पौष पुत्रदा एकादशी व्रत पारण का समय और विधि के बारे में-
पौष पुत्रदा एकादशी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के मुताबिक, पौष माह में पौष पुत्रदा एकादशी व्रत 30 दिसंबर को किया जाएगा।
- एकादशी तिथि का आरंभ- 30 दिसंबर को सुबह 07 बजकर 50 मिनट पर
- एकादशी तिथि का समापन - 31 दिसंबर को सुबह 05 बजे
पुत्रदा एकादशी व्रत पारण डेट और समय
एकादशी व्रत का पारण अगले दिया। ऐसे में पौष पुत्रदा एकादशी व्रत पारण 31 दिसंबर को किया जाएगा। इस दिन व्रत का पारण करने का समय दोपहार 1 बजकर 29 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 33 मिनट पर होगा।
पौष पुत्रदा एकादशी व्रत पारण विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें। फिर पूजा स्थल की साफ-सफाई कर गंगाजल छिड़ककर उसे पवित्र करें। इसके पश्चात भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें। दीप प्रज्वलित कर आरती करें तथा मंत्रों का जप और विष्णु चालीसा का पाठ करें। भगवान को सात्विक भोजन का भोग लगाएं और ध्यान रखें कि भोग में तुलसी दल अवश्य हो। इसके बाद प्रसाद स्वयं ग्रहण करें। इस शुभ अवसर पर मंदिर में या जरूरतमंदों को अन्न, धन एवं अन्य वस्तुओं का दान करें। धार्मिक विश्वास है कि द्वादशी तिथि पर किया गया दान व्रत का संपूर्ण फल प्रदान करता है और जीवन में सुख-समृद्धि बनाए रखता है।