By Ankit Jaiswal | Dec 05, 2025
इंडिगो की उड़ानें लगातार चौथे दिन प्रभावित हैं और यात्रियों का ग़ुस्सा अब खुले रूप में दिखाई देने लगा है। मौजूद जानकारी के अनुसार केवल दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर शुक्रवार सुबह से 135 प्रस्थान और 90 आगमन उड़ानें रद्द की गईं, जिससे IGI इस संकट का सबसे बड़ा केंद्र बना हुआ है।
बता दें कि बेंगलुरु एयरपोर्ट पर भी 50 से अधिक प्रस्थान और 52 आगमन उड़ानें निरस्त हुईं, जबकि हैदराबाद में 92 उड़ानों का संचालन पूरे दिन बाधित रहा। गौरतलब है कि इस सप्ताह अब तक कुल 1,000 से अधिक उड़ानें रद्द की जा चुकी हैं और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
संकट की शुरुआत A320 विमान से जुड़ी तकनीकी सलाह के चलते हुई, जिसके कारण कई उड़ानें देर रात तक खिंच गईं। कई विमानों के निर्धारित समय से आगे लैंड होने के कारण नए लागू हुए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियम खुद लागू हो गए और पायलटों को जरुरी विश्राम समय में जाना पड़ा। यही कारण है कि सुबह के स्लॉट में उपलब्ध क्रू की संख्या अचानक घट गई और संचालन शृंखला डोमिनो की तरह ढहने लगी हैं।
मौजूदा स्थिति को और बिगाड़ने वाला तत्व इंडिगो में पहले से मौजूद पायलटों की कमी है, जिसकी वजह से एयरलाइन को रोजाना लगभग 25 उड़ानें रद्द करनी पड़ रही थीं। जब देरी लगातार रात में खिसकने लगी और FDTL के तहत लंबा आराम समय लागू हुआ, तो बड़े पैमाने पर विमान बिना क्रू के खड़े रह गए।
शीतकालीन समय सारणी, जो 26 अक्टूबर से ही अधिक उड़ान आवृत्तियों के साथ लागू थी, मौजूदा दबाव को और बढ़ाती दिख रही है। यात्रियों ने शिकायत की है कि उन्हें अंतिम क्षण में संदेश भेजकर उड़ान रद्द होने की जानकारी दी जा रही है और वैकल्पिक व्यवस्था पर भी स्पष्टता नहीं मिल पा रही हैं।
देशभर के प्रमुख हवाईअड्डों पर लंबी कतारें, कॉल सेंटरों पर अत्यधिक प्रतीक्षा समय और डिजिटल सहायता में देरी इस स्थिति की गंभीरता को और स्पष्ट कर रहे हैं। फिलहाल एयरलाइन आंतरिक संचालन सुधार और वैकल्पिक क्रू तैनाती पर काम कर रही है, लेकिन यात्रियों को राहत कब मिलेगी, इस पर अभी कोई आधिकारिक आश्वासन नहीं दिया गया है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए इंडिगो के लिए यह संकट सार्वजनिक भरोसे और परिचालन क्षमता दोनों का बड़ा परीक्षण बन चुका है और यात्रियों की बढ़ती व्यथा इसका सीधा प्रमाण हैं।