By रितिका कमठान | Jan 20, 2023
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवान जंतर मंतर पर धरना देकर बैठे हुए है। इस धरने के जरिए पदक विजेता पहलवानों ने अपनी समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है। इस धरने में अब रेसलिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेने वाले पहलवानों का समर्थन भी मिला है। पहलवानों ने चैंपियनशिप में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया है।
चैंपियनशिप में हिस्सा लेने से इंकार करने के बाद ये बृजभूषण शरण सिंह को बड़ा झटका है। हरियाणा, हिमाचल प्रदेश समेत कई राज्यों के खिलाड़ियों ने इस चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है। बता दें कि गोंडा के नंदिनी नगर स्थित कुश्ती स्टेडियम में इस नेशनल चैंपियनशिप का आयोजन किया जाना है।
जानकारी के मुताबिक कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो चैंपियनशिप में हिस्सा लिए बिना ही वापस लौट रहे है। खिलाड़ियों का कहना है कि उन्होंने अपनी मर्जी से मुकाबलों में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है। खिलाड़ियों का कहना है कि हम अपने साथी पहलवानों और खिलाड़ियों का जंतर मंतर पर समर्थन करने भी जाएंगे। खिलाड़ियों ने आरोप लगाया कि उनका मनोबल टूट चूका है। चैंपियनशिप में नेशनल लेवल प्रतियोगिता के स्तर की सुविधाएं भी खिलाड़ियों के लिए उपलब्ध नहीं कराई गई है। खिलाड़ियों का कहना है कि वो अपने सीनियर पहलवान खिलाड़ियों का समर्थन करेंगे।
आरोपों पर दिया ये बयान
अपने ऊपर लगे गंभीर आरोपों को बृजभूषण शरण सिंह ने नकारा है। उन्होंने कहा कि अगर मैं बोलूंगा तो सुनामी आ जाएगी। उन्होंने कहा कि मैं यहां किसी की मदद से नहीं हूं, मुझे जनता ने चुना है। उन्होंने कहा कि मैं आज शाम चार बजे मीडिया के सामने कई सबूत पेश करूंगा।
जानें अब तक क्या हुआ
इस पूरे मामले में अब तक खेल मंत्रालय ने खिलाड़ियों के साथ बैठक की है। हालांकि खिलाड़ी मंत्रालय से मिले आश्वासन से संतुष्ट नजर नहीं आए है। इसके बाद प्रदर्शकारी पहलवानों ने ओलंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष पीटी ऊषा से मुलाकात कर उन्हें भी इस मामले में लिखित शिकायत की है। इस शिकायत में पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। इस पत्र में खिलाड़ियों ने लिखा कि उनकी जान को भी खतरा हो सकता है। खिलाड़ियों को प्रताड़ित किया जा रहा है।
खेल मंत्रालय ने भी इस मामले में समिति गठित करने का आश्वासन दिया है। यह कमेटी जांच करेगी कि अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर लगाए गए आरोपों की जांच की जाएगी। वहीं खिलाड़ियों ने मांग की है कि कुश्ती फेडरेशन को पूरी तरह से भंग किया जाए। हालांकि खिलाड़ी कमेटी बनाने को लेकर खुश नहीं है।