By रेनू तिवारी | Sep 11, 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत को उनके 75वें जन्मदिन पर बधाई दी और उन्हें एक ऐसे नेता बताया जिन्होंने अपना जीवन "सामाजिक परिवर्तन और सद्भाव एवं बंधुत्व की भावना को मज़बूत करने" के लिए समर्पित कर दिया है। X पर एक संदेश में, प्रधानमंत्री ने कहा कि भागवत वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत के प्रतीक हैं, यानी पूरी दुनिया एक परिवार है, और राष्ट्र की सेवा में उनके दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना की। मोदी ने भागवत की यात्रा पर एक लेख भी लिखा, जिसमें उन्होंने एक प्रचारक के रूप में उनके शुरुआती कार्यों, विदर्भ में उनकी संगठनात्मक ज़िम्मेदारियों और सरसंघचालक बनने तक के उनके उत्थान का उल्लेख किया।
कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लिखे गए लेख को लेकर बृहस्पतिवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री आरएसएस नेतृत्व को खुश करने के लिए ‘बेताब’ हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने बृहस्पतिवार को भागवत के जन्मदिन पर उनकी सराहना करते हुए लेख लिखा है, जो विभिन्न अखबारों में प्रकाशित हुआ है। भागवत आज 75 साल के हो गए।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, प्रधानमंत्री ने आरएसएस नेतृत्व को खुश करने की अपनी बेताब कोशिश में आज मोहन भागवत के 75वें जन्मदिन पर एक अतिशयोक्तिपूर्ण विशेष संदेश लिखा है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने याद किया कि 11 सितंबर 1893 को स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में अपना अमर भाषण दिया था। प्रधानमंत्री ने यह भी याद दिलाया कि 11 सितं
रमेश का कहना है कि हैरानी की बात नहीं है कि प्रधानमंत्री ने यह जिक्र नहीं किया कि 11 सितंबर 1906 को महात्मा गांधी ने जोहानिसबर्ग में पहली बार सत्याग्रह का आह्वान किया था। उनके अनुसार, उसी समय दुनिया ने पहली बार इस क्रांतिकारी विचार को सुना था।
कांग्रेस नेता ने तंज कसा, ‘‘बेशक, प्रधानमंत्री से सत्याग्रह की उत्पत्ति को याद रखने की उम्मीद करना बहुत ज्यादा हो जाता है, क्योंकि सत्य शब्द ही उनके लिए अपरिचित है।’’ रमेश ने कटाक्ष करते हुए तीखी टिप्पणी की, प्रधानमंत्री, जो स्वयं को नॉन-बायलॉजिकल बताते हैं, अपने प्रवचनों को ऐसे प्रस्तुत करते हैं मानो वह स्वयं गॉड-से हों।