पीएम मोदी ने उठाया गुजराती अस्मिता का मुद्दा, बोले- गाली देने वालों को सबक सिखाने का आ गया समय

By अंकित सिंह | Oct 19, 2022

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात दौरे पर हैं। आज गुजरात में उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इसी कड़ी में उन्होंने सौराष्ट्र क्षेत्र के जूनागढ़ शहर में भी एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजराती अस्मिता का मुद्दा उठाया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि गुजरात के लोगों को गाली देने वालों को सबक सिखाने का वक्त आ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि गुजरात और इसके लोगों को दिन-रात गाली देने वालों और उनका अपमान करने वालों को सबक सिखाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल सोचते हैं कि अगर वे गुजरात और गुजरातियों को गाली नहीं देंगे तो उनका काम अधूरा रहेगा। 

 

इसे भी पढ़ें: पीएम मोदी ने बच्चों के साथ बिताए वक्त तो क्रेडिट लेने में जुटी AAP, सिसोदिया बोले- ये हमें जेल भेजेंगे, हम इन्हें स्कूल भेजेंगे


इसके साथ ही मोदी ने कहा कि गुजरात का विकास बहुत लोगों से पच नहीं रहा है। उन्होंने दावा किया कि डबल इंजन की सरकार में गुजरात तेजी से प्रगति कर रहा है। एक वक्त था जब जूनागढ़ के लोग यहां से दूसरी जगह रोजी रोटी के लिए जाते थे। लेकिन आज हालात बदल चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों के लोग अनाप-शनाप बोलकर गुजरात को अपमानित करते हैं। अब ऐसे लोगों के खिलाफ लाल आंख करने का वक्त आ गया है। आपको बता दें कि हाल में ही आम आदमी पार्टी के गुजरात प्रमुख गोपाल इटालिया का बयान आया था जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके अलावा जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की थी।

 

इसे भी पढ़ें: Evening News Brief: गुजरात में बैठक में शामिल हुए पीएम मोदी, केदारनाथ में हेलिकॉप्टर क्रैश में 7 लोगों की मौत


5जी दूरसंचार सेवा देश में शिक्षा प्रणाली को अगले स्तर तक ले जाएगी

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि हाल ही में शुरू की गई 5जी दूरसंचार सेवा देश में शिक्षा प्रणाली को अगले स्तर तक ले जाएगी। गुजरात सरकार के ‘मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस’ पहल की शुरुआत करने के बाद यह बात कही। उन्होंने कहा कि पहले अंग्रेजी के ज्ञान को बौद्धिक होने की निशानी के रूप में माना जाता था, जबकि अंग्रेजी केवल संवाद का माध्यम है। वहीं, प्रधानमंत्री ने डिफेंस एक्सपो 2022 का उद्घाटन करने के बाद कहा कि यह भारत में निर्मित रक्षा सामग्री पर बढ़ते विश्वास का भी प्रतीक है, जिसका उद्देश्य देश की रक्षा निर्माण क्षमताओं का प्रदर्शन करना है। उन्होंने कहा कि भारत से रक्षा निर्यात 2021-22 में लगभग 13,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया और ‘‘आने वाले समय में हमने इसे 40,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। 

प्रमुख खबरें

Cristiano Ronaldo बने Perplexity के निवेशक, भारतीय मूल के CEO अरविंद श्रीनिवास के साथ नई AI साझेदारी

कराची की निकिता नागदेव का आरोप पति ने दिल्ली में दूसरी शादी रचाई, अब भारत में न्याय की मांग।

Delhi में छठ जल विवाद पर सीएम रेखा गुप्ता का पलटवार, विपक्ष पर आस्था रोकने का आरोप

Indigo Airlines crisis: 650 उड़ानें रद्द, DGCA ने CEO को नोटिस जारी, यात्रियों और पर्यटन पर असर