By अंकित सिंह | Nov 17, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 82वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हिस्सा लिया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लिए लोकतंत्र सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है बल्कि लोकतंत्र तो भारत का स्वभाव है, भारत की सहज प्रकृति है। उन्होंने कहा कि हमें आने वाले वर्षों में, देश को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाना है, असाधारण लक्ष्य हासिल करने हैं। ये संकल्प ‘सबके प्रयास’ से ही पूरे होंगे। और लोकतन्त्र में, भारत की संघीय व्यवस्था में जब हम ‘सबका प्रयास’ की बात करते हैं तो सभी राज्यों की भूमिका उसका बड़ा आधार होती है।
मोदी ने कहा कि हमारा देश विविधताओं से भरा है। अपनी हजारों वर्ष की विकास यात्रा में हम इस बात को अंगीकृत कर चुके हैं कि विविधता के बीच भी, एकता की भव्य और दिव्य अखंड धारा बहती है। एकता की यही अखंड धारा, हमारी विविधता को संजोती है, उसका संरक्षण करती है। उन्होंने कहा कि नए सदस्यों को सदन से जुड़ी व्यवस्थित ट्रेनिंग दी जाए। सदन की गरिमा और मर्यादा के बारे में उन्हें बताया जाए। हमें सतत संवाद बनाने पर बल देना होगा। राजनीति के नए मापदंड भी बनाने ही होंगे। इसमे आप सभी भारतीय पीठासीन अधिकारियों की भूमिका भी बहुत अहम है।