By अंकित सिंह | Feb 04, 2025
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का आज जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है कि देश की जनता ने मुझे 14वीं बार राष्ट्रपति जी का आभार व्यक्ति करने का अवसर दिया। इसलिए, मैं आदरपूर्वक लोगों के प्रति सम्मान व्यक्त करता हूं। मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति जी का संबोधन विकसित भारत के संकल्प को मजबूती देने वाला, नया विश्वास पैदा करने वाला और जन सामान्य को प्रेरित करने वाला है। प्रधानमंत्री ने साफ तौर पर कहा कि हमने गरीब को झूठे नारे नहीं, सच्चा विकास दिया है।
मोदी ने कहा कि गरीब का दुख, सामान्य मानवी की तकलीफ, मिडिल क्लास के सपने ऐसे ही नहीं समझे जाते हैं, इसके लिए जज्बा चाहिए। मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि कुछ लोगों में ये है ही नहीं। उन्होंने कहा कि अब तक गरीबों को 4 करोड़ घर दिए जा चुके हैं। जिन्होंने कठिन जीवन जीया है, वे ही समझते हैं कि घर पाने की कीमत क्या है। पहले शौचालय की व्यवस्था नहीं होने के कारण महिलाओं को बहुत परेशानी होती थी। जिनके पास ये सुविधाएं हैं वो "उन लोगों की परेशानी नहीं समझ सकते। हमने 12 करोड़ से ज्यादा शौचालय दिए हैं। उन्होंने कहा कि हम 2025 में हैं। एक तरह से 21वीं सदी का 25% हिस्सा बीत चुका है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज़ादी के बाद 20वीं सदी और 21वीं सदी के पहले 25 वर्षों में क्या हुआ यह तो समय ही तय करेगा। लेकिन अगर हम राष्ट्रपति के अभिभाषण का सूक्ष्मता से अध्ययन करें तो यह स्पष्ट है कि उन्होंने आने वाले 25 वर्षों और विकसित भारत को लेकर लोगों के बीच विश्वास कायम करने की बात कही। उनका संबोधन विकसित भारत के संकल्प को मजबूत करता है, नया आत्मविश्वास पैदा करता है और आम लोगों को प्रेरित करता है।