By अंकित सिंह | Jan 17, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के दावोस एजेंडा को संबोधित किया। इस दौरान मोदी ने कहा कि भारत ने 'वन अर्थ, वन हेल्थ' के विजन पर चलते हुए कई देशों को कोरोना की ज़रूरी दवाई और वैक्सीन देकर करोड़ों जीवन बचाया है। आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा फार्मा निर्माता है और फार्मेसी टू द वर्ल्ड है। उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया में रिकॉर्ड सॉफ्टवेयर इंजीनियर भेज रहा है। 50 लाख से ज्यादा सॉफ्टवेयर डेवलपर भारत में काम कर रहे हैं। आज भारत में दुनिया में तीसरे नंबर के सबसे ज्यादा यूनिकॉर्न्स हैं। भारत में 10 हजार से ज्यादा स्टार्ट-अप्स पिछले 6 महीने में रजिस्टर हुए हैं।
मोदी ने कहा कि भारतीय युवाओं में आज एंटरप्रेन्योरशिप एक नई ऊंचाई पर है। 2014 में जहां भारत में कुछ सौ रजिस्टर्ड स्टार्ट अप थे। वहीं आज इनकी संख्या 60 हजार के पार हो चुकी है। इसमें भी 80 से ज्यादा यूनिकॉर्न्स हैं, जिसमें से 40 से ज़्यादा सिर्फ़ 2021 में ही बने हैं। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता के रास्ते पर चलते हुए भारत का फोकस सिर्फ Processes को आसान करने पर ही नहीं है, बल्कि Investment और Production को इन्सेन्टीवाइज करने पर भी है।
मोदी ने यह भी कहा कि मिशन लाइफ को एक वैश्विक जन आंदोलन बनना चाहिए - यह वैश्विक जलवायु परिवर्तन की कुंजी है। इसे P3 - प्रो प्लैनेट पीपल मूवमेंट के लिए स्तंभ बनना है। उन्होंने कहा कि एक परिवार के रूप में हमने जिन चुनौतियों का सामना किया है, वे वैश्विक व्यवस्था में बदलाव के कारण भी बढ़ रही हैं। उनसे लड़ने के लिए प्रत्येक देश के लिए सामूहिक और समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता है। आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान, मुद्रास्फीति और जलवायु परिवर्तन इसी तरह के उदाहरण हैं।